आगरा : कुआं पूजन में वैन ने 30 लोगों को रौंदा
हमारे घर में 25 साल बाद पोता हुआ है, इसी खुशी में कार्यक्रम कर रहे थे। रिश्तेदार आए थे, कार्यक्रम में पूरा गांव शामिल हुआ था। लेकिन, एक घटना ने पूरी खुशी छीन ली। वैन सभी महिलाओं को रौंदते हुए निकल गई। हादसे में परिवार की महिलाएं, बच्चे और गांव वाले घायल हुए हैं। पुलिस कार्रवाई की जगह हमसे कह रही कि तुम लोग वैन के चालक का इलाज कराओ। नहीं तो मैं हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज करा दूंगा।’
ये कहना है आगरा के परशुराम का। जिनके घर 24 जून को पोता हुआ था। सब रिश्तेदार डांस करते हुए कुआं पूजन में जा रहे थे। तभी अचानक से तेज रफ्तार वैन ने सभी को कुचल दिया। हादसे में 30 लोग घायल हो गए। किसी का पैर टूटा तो किसी का हाथ। इनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
परशुराम कहते हैं कि पुलिस को वैन चालक को अरेस्ट करना चाहिए। हमारे 30 लोगों को चालक ने रौंद दिया और अब उल्टा हमसे ही पुलिस इलाज का खर्चा मांग रही है। पुलिस को शर्म भी नहीं आती। कहती है कि तुम लोगों ने चालक को पीटा है, इससे उसकी हालत ठीक नहीं है।
आगरा मुख्यालय से 24 किमी दूर जब खड़वाई गांव पहुंची तो अंदर घुसते समय ही रास्ते में मंदिर था, जहां पूजा के लिए सभी जा रहे थे। आगे बढ़ने पर कुछ लोगों से पूछा कि जिस घर के लोगों का एक्सीडेंट हुआ है, वो कहां है।
एक बुजुर्ग ने बताया कि पीपल के पेड़ के पास की गली में घर है। जहां पर परशुराम रहते हैं। उनके छोटे बेटे को बेटा हुआ था। हम वहां पहुंचे, तो दरवाजे के बाहर कई महिलाएं और बच्चे मिले। जिनके हाथ-पैर पर पट्टी बंधी थी। एक आदमी कुर्सी पर बैठा था। पूछने पर पता चला कि यही परशुराम हैं। देखा तो वह काफी गुस्से में थे। दांतों को पीस रहे थे। अब आगे परिवार से बातचीत…
परशुराम के बेटे दिवाकर ने बताया- हम तो समझ ही नहीं पाए कि हुआ क्या। हम तो तीन गाड़ियों में घायलों को लेकर अस्पताल भागे। पहले पास के हॉस्पिटल में गए, वहां से कुछ लोगों को एसएन मेडिकल कॉलेज ले गए।
कुछ लोगों का प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। दिवाकर ने बताया कि उनकी पत्नी के पेट पर से वैन का पहिया निकला था। काफी चोटें आई हैं।
यह देख वहां खड़े कुछ लोगों ने हाथों से वैन को रोका। तभी वैन पलट गई। फिर सभी ने मिलकर वैन उठाई और उसके नीचे दबी महिलाओं और बच्चों को निकाला।
परशुराम ने बताया- हमने आरोपी ड्राइवर के खिलाफ तहरीर दी थी। मुकदमा हो गया है। जिस समय यह घटना हुई, उस समय वहां 400-500 लोग थे। घटना के बाद गुस्से में लोगों ने ड्राइवर को पकड़ कर मारा। उसको चोट आई है। लेकिन, अब पुलिस हम पर दबाव बना रही है। कह रही है कि सब पर हत्या की कोशिश का मुकदमा करा देंगे।
पुलिस हमसे कह रही कि ड्राइवर श्याम वीर का इलाज कराओ। परशुराम गुस्से में कहते हैं कि पुलिसवाले कह रहे हैं कि हम पर दबाव है। अरे, मेरे घर के 30 लोग घायल हो गए। उनका दबाव तुम पर नहीं है। मैं अपने घरवालों का इलाज कराऊं कि जिसने टक्कर मारी, उसका इलाज कराऊं। हम पर क्यों दबाव बना रहे हैं? 24 जून को आगरा में महिलाओं-बच्चों को इको वैन ने रौंद दिया। हादसे में 27 महिलाएं और 3 बच्चे घायल हुए थे। बच्चे के जन्म के बाद महिलाएं कुआं पूजन की रस्म के लिए निकलीं थी। सड़क पर ढोल-नगाड़ों के साथ डांस करती हुई जा रही थीं। तभी एक तेज रफ्तार वैन आई और उन्हें रौंदते हुए निकल गई। शोर सुनकर आसपास के लोग पहुंचे। सभी को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया था। इनमें से कुछ को गंभीर चोट भी आई है। मामला सिकंदरा थाना क्षेत्र के खड़वाई के रुनकता-रायभा मार्ग की है।