बागपत : मौलाना ने पीटा तो छात्रों ने पत्नी-बेटियों को मार डाला, 4 घंटे में बदला लिया
बागपत की मस्जिद में मौलाना की पत्नी और उनकी दो बेटियों की हत्या 2 छात्रों ने की थी। दोनों मस्जिद में ही मौलाना से तालीम (शिक्षा) ले रहे थे। शनिवार सुबह 9 बजे मौलाना इब्राहिम ने पढ़ाई करने के लिए दोनों छात्रों की पिटाई की। फिर वह अफगानी विदेश मंत्री के स्वागत के लिए सहारनपुर के देवबंद चले गए।
दोपहर 1 बजे दोनों छात्र मस्जिद में घुस आए। वहां बने कमरे में गए तो मौलवी की पत्नी इसराना (30) और दोनों बेटिया सोफिया (5) और सुमैय्या (2) कमरे में सो रही थी।आरोपी छात्रों ने सोते वक्त ही हथौड़ा मारकर तीनों की हत्या कर दी। यानी छात्रों ने 4 घंटे में ही पिटाई का बदला लिया।
फिर चाकू से गला रेत दिया, ताकि जिंदा बचने की कोई चांस न हो। इसके बाद दोनों भाग गए। जब मस्जिद में ट्रिपल मर्डर का खुलासा हुआ तो आरोपी छात्र आ गए। उन्होंने रोने और हंगामे का नाटक भी किया।
एसपी सूरज राय ने कहा- दोनों आरोपी मस्जिद के मदरसे में पढ़ाई करते थे। मौलवी ने उनकी पिटाई की थी, इसलिए छात्रों ने उनकी पत्नी और दो बेटियों की हत्या की। आरोपियों की उम्र 14 और 15 साल है। दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया है।
बागपत जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी दूर दोघट थाने में गांगनोली गांव है। यहां मस्जिद में इब्राहिम मुफ्ती है। वह मस्जिद में नमाज पढ़ाने के साथ ही मदरसे में बच्चों को तालीम देते थे। मस्जिद के ऊपर ही एक कमरा बना था। इसमें पत्नी और दो बेटियों का परिवार रहता था। इब्राहिम मूलरूप से मुजफ्फरनगर के सुन्ना गांव के रहने वाले थे।
शनिवार दोपहर 2 बजे मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए लोग आए। उन्होंने मौलाना को आवाज दी, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। लोग पहली मंजिल पर गए तो कमरे से बाहर खून बहता नजर आया। दरवाजा खोला तो अंदर पत्नी और दो बेटियों की खून से लथपथ लाश पड़ी थी।
ट्रिपल मर्डर से हड़कंप मच गया। सैकड़ों की संख्या में लोग मस्जिद पहुंच गए। पुलिस के सीनियर अफसर भी पहुंच गए। लोग हंगामा करने लगे और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। जिस वक्त वारदात हुई, उस वक्त मौलवी घर पर नहीं थे।
वह देवबंद में अफगानी विदेश मंत्री मुत्तकी के स्वागत के लिए गए हुए थे। आसपास के लोगों ने उनको सूचना दी। वह उल्टे पैर लौटकर आ गए।
जिस तरह से वारदात की गई थी, उसमें लूट जैसा कोई एंगल नहीं था। पुलिस क्लियर थी कि हत्या निजी रंजिश में हुई है। ऐसे में पुलिस का शक सबसे पहले मौलाना इब्राहिम पर गया। इसकी वजह यह भी थी कि मस्जिद के अंदर लगे सभी सीसीटीवी बंद थे।
पुलिस ने मौलाना के पहुंचते ही पूछताछ के लिए उनको हिरासत में ले लिया। पुलिस ने मौलाना से सवाल-जवाब किए। वह सबकुछ बताते चले गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। डीआईजी, फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉयड की टीम भी पहुंचीं।
पुलिस ने मस्जिद के गेट पर लगे सीसीटीवी और आसपास के सीसीटीवी चेक किए। इसमें दो छात्र मस्जिद के बाहर टहलते और फिर 12.30 बजे मस्जिद के अंदर घुसते हुए नजर आए। पुलिस ने दोनों नाबालिग छात्रों को हिरासत में ले लिया। शुरुआत में वह आनाकानी करते रहे, लेकिन जैसे ही पुलिस ने सख्ती की दोनों छात्र टूट गए। उन्होंने गुनाह कबूल किया।
पुलिस पूछताछ में आरोपी छात्रों ने बताया कि शनिवार सुबह 9 बजे मौलवी इब्राहिम ने मदरसे में पढ़ाई के दौरान दोनों को पीटा था। इसके बाद 10 बजे सहारनपुर के देवबंद चले गए थे। दोपहर 1 बजे बदला लेने के लिए छात्रों ने मौलवी की पत्नी और दोनों बेटियों की हत्या कर दी।
आरोपियों ने बताया कि वो करीब 1 बजे मस्जिद के कमरे में पहुंचे। वहां मौलवी की पत्नी और दोनों बेटियां सो रही थीं। उन्होंने कमरे में रखे हथौड़े से पहले तीनों के सिर पर जोरदार वार किया। इसके बाद चाकू से गला रेतकर और गोदकर हत्या कर दी।
दोनों बेटियों के शव को तख्त पर ही छोड़ दिया, जबकि पत्नी के शव को जमीन पर रख दिया और मौके से भाग गए। दोनों हत्यारोपी छात्र मस्जिद से महज 100 मीटर की दूरी पर रहते हैं। दोनों पुराने दोस्त हैं। दोनों ने कहा कि मौलवी इब्राहिम उन्हें अक्सर पढ़ाई के नाम पर पीटते थे। सबके सामने बेइज्जत करते थे। इसलिए उन्होंने बदला लिया। दोनों इतने शातिर थे कि हत्या करने के बाद खुद ही भीड़ में शामिल होकर पुलिस के सामने प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने शुरुआत में मौलवी को हिरासत में लिया तो नारेबाजी करने लगे- हमारे मौलवी साहब ऐसा नहीं कर सकते, उन्हें छोड़ दो।
मेरठ जोन के डीआईजी कलानिधि नैथानी ने तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजना चाहा तो घरवालों ने विरोध कर दिया। महिलाओं की पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई। डीआईजी के समझाने पर बमुश्किल लोग माने।