Braj Ki Holi 2024: कब है बरसाना की लट्ठमार होली, यहां देखें पूरी लिस्ट
मथुरा : होली का त्योहार देश में कई स्थानों पर अलग-अलग रूप में मनाया जाता है, लेकिन दुनिया भर में ब्रज की होली फेमस है. जहां हर जगह होली का त्योहार सिर्फ एक या दो दिन का मनाया जाता है. वहीं बसंत पंचमी के साथ ही ब्रज में होली की शुरुआत हो जाती है और ये सिलसिला लगातार 40 दिनों तक चलता है. इस बीच ब्रज के तमाम क्षेत्रों बरसाना, मथुरा, वृंदावन, नंदगांव वगैरह में अलग-अलग तरह की होली खेली जाती है.यहां की होली में लोग अपना सब कुछ छोड़कर राधा-कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते हैं. ब्रज की होली को देखने के लिए देश-विदेश से लोग मथुरा, बरसाना पहुंचते हैं.
ब्रज में होली को होरा कहा जाता है. इसके साथ ही जहां सभी जगहों पर सिर्फ गीले या सूखे रंगो की होली होती वहीं ब्रज के लोगों का होली खेलने का अंदाज ही अलग होता है. जिनके पीछे अलग-अलग मान्यताएं भी जुड़ी है. ब्रज में होली में सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध है लट्ठमार होली, छड़ी मार होली, फूल होली, लड्डू होली. ऐसे में अगर आप भी इन अनोखी होली में ब्रज में शामिल होना चाहते है और जानना चाहते है कि कब कौन से होली किस स्थान पर होती है तो आज हम आपको यह जानकारी देंगे ताकि आप पूरी तैयारी के साथ ब्रज में होली का आनंद ले सके.
18 मार्च को लट्ठमार होली
वैसे तो ब्रज में 40 दिन की होली में हर दिन मंदिरों में अलग-अलग उत्सव चलते है लेकिन मुख्य रूप से होली के 7 दिनों तक ब्रज में एक अलग ही रौनक होती है. जिसकी शुरुआत बरसाना की लड्डू और लट्ठमार होली से होती है. उसके बाद ही सभी प्रमुख मंदिरों में होली के अलग-अलग त्योहार मनाए जाते है
ब्रज की होली का पूरा कैलेंडर
17 मार्च- फाग आमंत्रण उत्सव होगा और. लड्डू होली राधा रानी मंदिर, बरसाना
18 मार्च- लट्ठमार होली शाम 4:30 बजे से (राधा रानी मंदिर, बरसाना)
19 मार्च- लट्ठमार होली शाम 4:30 बजे से(नंदगांव)
20 मार्च- फूलवाली होली शाम 4 बजे (बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन)
20 मार्च- कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में कार्यक्रम दोपहर 1 बजे से
21 मार्च- छड़ी मार होली दोपहर 12 बजे (गोकुल)
23 मार्च – विधवा होली दोपहर 12 राधा गोपीनाथ मंदिर, वृंदावन
24 मार्च- होलिका दहन, बांके बिहारी मंदिर में सुबह 9 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक फूलो कीहोली
25 मार्च – मथुरा और वृन्दावन में मुख्य होली
26 मार्च- बलदेव में हुरंगा होली दोपहर 12:30 बजे से दाऊजी मंदिर, बलदेव