कांग्रेस नेता कमलेश साहू ने गढ़ाकोटा पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, न्यायालय से ली जमानत
गढ़ाकोटा न्यायालय में आज कांग्रेस नेता एवं 2018 में रहली विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी रहे श्री कमलेश साहू, उनकी पत्नी श्रीमती मीनाक्षी साहू, छोटे भाई श्री नरेश साहू और भतीजे राज साहू ने एक मामले में जमानत ली।
इस अवसर पर श्री कमलेश साहू ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि जनवरी 2025 में गढ़ाकोटा थाना क्षेत्र में उनके ऊपर एक फर्जी मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि 23 जनवरी की रात 9:00 बजे, एक आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति कल्लू प्रजापति, हथियार लेकर उनके घर के सामने गाली-गलौज कर रहा था। इसकी जानकारी उन्होंने तत्काल थाना प्रभारी रजनीकांत दुबे को दी, लेकिन पुलिस 20 मिनट बाद मौके पर पहुँची।
कमलेश साहू ने आरोप लगाया कि जब वे शिकायत दर्ज कराने थाने पहुँचे, तब थाना प्रभारी ने उन्हें करीब डेढ़ घंटे तक गुमराह किया और एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके बजाय उन्हें समझाया गया कि विधायक गोपाल भार्गव के दबाव में पुलिस दोनों पक्षों पर केस दर्ज करेगी।
कमलेश साहू का कहना है कि उन्होंने पुलिस की बात मानते हुए एफआईआर दर्ज नहीं करवाई, लेकिन 27 जनवरी को उन्हें पता चला कि उनके, उनकी पत्नी, छोटे भाई और भतीजे के खिलाफ उसी रात एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
उन्होंने इस कार्रवाई को पूरी तरह राजनीतिक साजिश बताया और कहा कि जब गढ़ाकोटा पुलिस से एक राजनीतिक व्यक्ति सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता की सुरक्षा की कल्पना करना कठिन है। उन्होंने थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे राजनेताओं के “भक्त एवं चरणसेवक” हैं और चार साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं।
कमलेश साहू ने यह भी कहा कि पुलिस अपराधियों को संरक्षण दे रही है और निर्दोषों को झूठे मामलों में फँसाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में उनकी पत्नी, भाई और भतीजे को भी जानबूझकर घसीटा गया है, जिससे वे बेहद आहत और नाराज हैं।
हालांकि, उन्होंने अंत में कहा कि उन्हें माननीय न्यायालय पर पूरा विश्वास है और जो भी निर्णय होगा, वह उन्हें स्वीकार होगा।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब पुलिस ने बच्चों के बाद महिलाओं पर भी झूठे मामले बनाना शुरू कर दिए हैं। कमलेश साहू ने थाना प्रभारी को याद दिलाया कि उन्हें वर्दी और कानून की मर्यादा में रहते हुए काम करना चाहिए, न कि किसी नेता की गुलामी करते हुए।
“जब पुलिस पर से भरोसा उठता है, तब बगावत जन्म लेती है।”