बाबा का मैनेजमेंट, मिल्कीपुर में BJP की जीत
अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की बंपर जीत की तरफ अग्रसर हो चुकी है. इस जीत के जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव में अयोध्या और चित्रकूट में मिली हार का बदला ले लिया है. राम मंदिर निर्माण के बाद बीजेपी के नेता को क्या किसी कार्यकर्ता को यह उम्मीद नहीं थी कि वह अयोध्या और चित्रकूट जैसी लोकसभा सीट बीजेपी हारेगी. लेकिन जब नतीजे सामने आए तो हर कोई हैरान रह गया.
अयोध्या की हार ने दिया था जख्म
एक तरफ जहां भाजपा में इन नतीजों को लेकर निराशा छा गई तो वहीं विपक्ष ने इसको जमकर भुनाया था और कहा था कि भगवान राम की बात करने वाले उनके ही घर में आ गए. इसके बाद सीएम योगी ने लगातार पार्टी को मजबूत करने का काम किया और फिर यूपी में 9 विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए, जिसकी जिम्मेदारी सीएम योगी ने खुद ली. चुनाव का पूरा मैनेजमेंट सीएम योगी ने खुद देखा और नतीजा यह रहा कि बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की और यही नहीं कुंदरकी विधानसभा पर 30 साल बाद वापसी की थी.
मिल्कीपुर में उतरा था पूरा मंत्रिमंडल
हालांकि उस वक्त मिल्कीपुर में उपचुनाव नहीं हो पाया. क्योंकि इस सीट से जुड़ा मामला हाईकोर्ट में अटका हुआ था. लेकिन जैसे ही चुनाव आयोग ने मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के तारीख का ऐलान किया वैसे ही सीएम योगी फिर एक्टिव हो गए. मिल्कीपुर में भाजपा का आधा मंत्रिमंडल उतर गया और घर-घर तक पहुंचा और नतीजा यह रहा है कि बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अजीत प्रसाद को कड़ी पटखनी दी है.
बीजेपी की तरफ से सीएम योगी ने प्रचार का मोर्चा संभाल रखा था तो वहीं सपा की तरफ से अखिलेश यादव ने संभाल रखा था. सपा की तरफ से डिंपल यादव ने भी प्रचार किया था. मिल्कीपुर में वोटिंग के दिन समाजवादी पार्टी की तरफ से लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा. यहां तक कि अखिलेश यादव ने यह भी कह दिया कि चुनाव आयोग मर चुका है.