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Health

डेंगू का इलाज ! लक्षण दिखने पर घबराएं नहीं, डॉक्टर से जानें रिकवरी के टिप्स

Dengue Symptoms & Treatment: इस वक्त राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में डेंगू का प्रकोप देखने को मिल रहा है. डेंगू एक खतरनाक इंफेक्शन है, जिसकी चपेट में आने पर लोगों की हालत खराब हो जाती है. अगर सही समय पर इलाज न मिले, तो डेंगू से मौत भी हो सकती है. यही वजह है कि डेंगू को लेकर बेहद सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. हर साल सितंबर से लेकर नवंबर तक डेंगू के मामलों में काफी उछाल देखने को मिलता है. ऐसे में लोगों को मच्छरों से बचने की सलाह दी जाती है. हालांकि अगर आप डेंगू की चपेट में आ जाएं, तो घबराएं नहीं. लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलकर ट्रीटमेंट कराएं. सबसे अच्छी बात यह है कि अधिकतर मामलों में डेंगू का इलाज सिर्फ 1 रुपये की गोली से किया जाता है.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत ने News18 को बताया कि डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है. यह मच्छर दिन के समय काटता है और साफ पानी में पनपता है. यही वजह है कि लोगों को घर और आसपास जमा पानी को हटाने की सलाह दी जाती है. डेंगू के शुरुआती लक्षण अक्सर वायरल फीवर जैसे लगते हैं, लेकिन कुछ दिनों में यह गंभीर रूप ले सकता है. डेंगू में लोगों को तेज बुखार आता है और सिरदर्द व आंखों के पीछे दर्द होता है. डेंगू होने पर लोगों को शरीर और जोड़ों में तेज दर्द होता है. यही वजह है कि इसे ब्रेकबोन फीवर भी कहा जाता है. डेंगू के कारण लोगों के शरीर पर लाल चकत्ते या रैशेज, उल्टी, मतली और कमजोरी, प्लेटलेट्स की संख्या में गिरावट देखने को मिलती है.

डॉक्टर ने बताया कि अगर किसी मरीज को खून की उल्टी, नाक या मसूड़ों से खून आना या शरीर में सूजन दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. ये डेंगू हैमरेजिक फीवर के संकेत हैं, जो जानलेवा साबित हो सकता है. ऐसी कंडीशन में तुरंत ट्रीटमेंट करना जरूरी होता है. डेंगू के इलाज के लिए कोई एंटीवायरल दवा नहीं होती है. इसका ट्रीटमेंट लक्षणों के आधार पर किया जाता है. बुखार आने पर डॉक्टर पैरासिटामोल देते हैं. डेंगू में पेनकिलर और एंटीबायोटिक दवाएं बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि इनसे कंडीशन बिगड़ सकती है. सिर्फ पैरासिटामोल दवा ही डेंगू के इलाज में इस्तेमाल की जाती है.

एक्सपर्ट की मानें तो डेंगू होने पर लोगों को डॉक्टर की सलाह पर पैरासिटामोल दवा लेनी चाहिए. इसके अलावा लोगों को ORS, नारियल पानी, सूप और पानी खूब पीना चाहिए, ताकि शरीर का हाइड्रेशन बेहतर बना रहे. डेंगू के मरीजों को ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह दी जाती है. अगर किसी व्यक्ति की कंडीशन बिगड़ जाती है और प्लेटलेट काउंट 20-30 हजार रह जाता है, तो प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है. अगर किसी को डेंगू के लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से मिलकर खून की जांच कराएं. खुद दवा न लें और लंबे समय तक परेशानी को नजरअंदाज न करें, वरना डेंगू जानलेवा हो सकता है.

डेंगू से बचने के लिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें, हफ्ते में एक बार कूलर, फूलदान, बाल्टी या टंकी का पानी बदलें, फुल आस्तीन के कपड़े पहनें और मच्छरों से बचने के लिए मॉस्किटो रिपेलेंट क्रीम लगाएं. दरवाजों और खिड़कियों पर मच्छरदानी या नेट लगाएं. अगर लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से मिलकर जांच और ट्रीटमेंट कराएं. डेंगू जानलेवा होता है, लेकिन सही ट्रीटमेंट से अधिकतर मामलों में इससे रिकवरी हो जाती है. थोड़ी सी जागरुकता, साफ-सफाई और समय पर इलाज से इसका खतरा काफी हद तक टाला जा सकता है.

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