बैठे-बैठे हार्ट बीट तेज हो जाती हैं तो रहे अलर्ट, अचानक से लक्षण दिखने पर न करे इग्नोर
कुछ मरीजों में दिल की धड़कन को लेकर कुछ अलग तरीके की शिकायत रहती है। मरीज कहते हैं कि बैठे-बैठे उनके दिल की धड़कन ट्रेन के जैसे चलती है, इन मरीजों को टेबल पर थाप देकर हम समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर कैसी परेशानी है।
सबसे अहम बात ये है कि ऐसी समस्या मरीजों में अचानक शुरू होती है और अचानक रुक भी जाती है। पर ये हार्ट की अरिदमिया के गंभीर लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में अलर्टनेस बेहद जरूरी है।
ये कहना है SGPGI के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ.रूपाली खन्ना का। वो कहती हैं कि सबसे अहम बात ये है कि युवाओं में भी ऐसी समस्या बेहद कॉमन है और ठंड के समय बेहद आम है।
डॉ. रुपाली कहती हैं कि आज के दौर में बदलते लाइफ स्टाइल ने युवाओं में भी हार्ट से जुड़े कॉम्प्लिकेशंस को बढ़ाया है। बड़ी संख्या में युवा घर के अपेक्षा बाहर के खाने को तरजीह देते हैं। होटल और रेस्टोरेंट के फूड आइटम्स में तेल का प्रयोग बेहद ज्यादा होता है और यह स्पाइसी भी होते हैं। ऐसी डाइट से हार्ट पर बुरा असर पड़ना लाजमी है। ऐसे में घर का खाने को सबसे बेहतर माना गया है।