अन्तर्राष्ट्रीय कुश्ती कोच राजकुमार के नाम से पावटा में शुरु हुआ निशुल्क अखाड़ा
पावटा (राजेश कुमार हाडिया )। उपखंड क्षेत्र के ग्राम वीर तेजाजी नगर स्थित डैफोडिल्स इंटनेशनल स्मार्ट स्कूल के खेल मैदान में एनआईएस कुश्ती कोच धर्मवीर पहलवान ने अपने गुरु अन्तर्राष्ट्रीय कुश्ती कोच राजकुमार पहलवान के नाम से व्यायामशाला शुरु कर मिट्टी के अखाड़े में निशुल्क परम्परागत कुश्ती के लिए पहलवान तैयार करने का बीड़ा उठाया है।
धर्मवीर के मन में क्षेत्र के प्रति कुश्ती के लिए मिट्टी के अखाड़े का अभाव था इसी बीच उसे मालुम चला की पावटा उपखंड क्षेत्र के वीर तेजाजी नगर में एक नीजी स्कूल के पास खेल मैदान कि प्रर्याप्त मात्रा में जगह है तो उन्होंने विद्यालय प्राचार्य से इजाजत लेकर यहां अपने गुरु अन्तर्राष्ट्रीय कुश्ती कोच राजकुमार पहलवान के नाम से निशुल्क अखाड़ा शुरु किया।
धर्मवीर का कहना है की विदेशों में मेट पर कुश्ती हो रही है वहीं हमारे यहां परम्परागत तरीके से मिट्टी के अखाड़े में कुश्ती हुआ करती थी इससे पहलवानों में अपनी मातृभूमि व मिट्टी से भावनात्मक लगाव रहता था। नई पीढ़ी में शारीरिक, मानसिक, बौद्विक विकास व भावनात्मक रुप से मिट्टी से जुड़ाव के उद्देश्य को लेकर यह पहल की है।
यहां वह प्रतिदिन सुबह 05 बजे से 07 बजे व शाम को 4:30 बजे से 07 बजे तक 10 साल से 20 साल आयु वर्ग तक के करीब 05 दर्जन बच्चें, किशोर व युवाओं को अखाड़े के गुर, दांव पेज सिखाना शुरु किया है।
व्यायामशाला में एनआईएस कुश्ती कोच धर्मवीर पहलवान की अगुवाई में पहलवानों ने स्वयं मिट्टी खोदकर अखाड़ा तैयार किया व मिट्टी में दूध, छाछ, हल्दी, मेहंदी, सरसो का तेल, गेरु आदि का मिश्रण डाला। इससे पहलवानों के शरीर पर ज्यादा चोट नही लगती और शरीर भी सुड़ौल व सुंदर बनता है व चोट जल्दी ठीक हो जाती है।
धर्मवीर कहना है की अखाड़े में सर्वप्रथम प्रार्थना होती है उसके बाद योगा व व्यायाम करने के पश्चात उम्र व वजन के हिसाब से जोड़े बनाकर अखाड़े में कुश्ती का अभ्यास करवाया जा रहा है। इससे नई पीढ़ी में शारीरिक, मानसिक व बौद्विक विकास होता है। धर्मवीर का लक्ष्य है कि क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पहलवान तैयार करें जो आगे चलकर राज्य स्तर व राष्ट्र स्तर पर पहुंचकर अपने क्षेत्र समेत जिले का नाम रोशन करे।
गोल्ड मेडलिस्ट है धर्मवीर : संसाधनों के अभाव में दौड़ लगाते हुए धर्मवीर अपने पैतृक गांव अजीतपुरा से 07 किलोमीटर दूर राजकीय सरदार स्कूल में जाकर अन्तर्राष्ट्रीय कुश्ती कोच राजकुमार पहलवान से प्रशिक्षण लिया करता था। सातवीं कक्षा में अध्यनन्तर रहते उन्होंने राज्य स्तर पर सन 2015 में पहली बार मेडल जीता, उसके बाद लगातार दो सिल्वर व दो बार बोल केसरी राजस्थान बना।
धर्मवीर बाल केसरी दिल्ली गुरु मुन्नी गोल्ड में गोल्ड कप का खिताब भी जीत चुके। एलबीएस कॉलेज में पढ़ाई के दौरान 2022 में सिल्वर व 2023 में नेशनल स्तर से सिल्वर तथा गोल्ड मेडल भी प्राप्त कर चुके है। धर्मवीर का कहना है कि वो आसपास के क्षेत्रों में करीबन सभी दंगलो में कामड़े की कुश्ती जीत चुका है। जानकारी के मुताबिक धर्मवीर नेशनल व इंटरनेशनल लेवर के पहलवान तैयार कर चुका है।