SIR पर ‘हल्ला बोल’! राहुल-सोनिया का संसद के बाहर पोस्टर वाला विरोध प्रदर्शन
संसद परिसर में हुए इस विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी मौजूद रहे. दोनों नेताओं ने विपक्ष के साथ खड़े होकर सरकार की प्रक्रिया पर सवाल उठाए और कहा कि ये कदम लोकतांत्रिक हक छीनने जैसा है.
विपक्ष का आरोप है कि SIR प्रक्रिया के दौरान लाखों असली और योग्य मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए जा रहे हैं. इससे चुनावों में बड़ी संख्या में लोग अपने संवैधानिक अधिकार यानी वोट देने से वंचित हो सकते हैं.
बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को पलटते हुए कहा कि असली सवाल यह है कि विपक्ष किसे बचाना चाहता है—वैध मतदाताओं को या घुसपैठियों को? बीजेपी ने विपक्ष के विरोध को राजनीति प्रेरित बताया और SIR को जरूरी प्रक्रिया कहा.
मंगलवार की सुबह संसद के मकर द्वार के बाहर भारी संख्या में विपक्षी सांसद जुटे. वे बैनर और पोस्टर लिए हुए थे और SIR को रोकने की मांग कर रहे थे. पूरे प्रदर्शन का मकसद था सरकार पर इस मुद्दे पर बहस का दबाव बनाना.
INDIA गठबंधन के नेताओं ने प्रदर्शन में शामिल होकर कहा कि यह मुद्दा बेहद गंभीर है और उस पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए. उनका कहना है कि चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता, इसलिए SIR की समीक्षा जरूरी है.
पहले दिन भी विपक्ष ने इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा की मांग की थी, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी. विपक्ष का कहना है कि सरकार इस विषय को टाल रही है, जबकि यह सीधे-सीधे आम लोगों के अधिकारों से जुड़ा है.
कांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर ने कहा कि सिर्फ बिहार में ही करीब 62 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि कई BLO पर भी भारी दबाव है. टैगोर का कहना है कि लोकतंत्र बचाने के लिए संसद में इस पूरी प्रक्रिया पर खुली बहस जरूरी है

