खुर्जा में भी अनाधिकृत रूप से चल रहे होटल, नहीं है सराय एक्ट लाइसेंस, क्या है सराय एक्ट में जानें
खुर्जा। नगर व देहात क्षेंत्र में एक दर्जन से भी ज्यादा होटल खुले हुए है। जिनमें सराय एक्ट के तहत पंजीकृत नही है। नहीं कोई खास सुविधा उपलब्ध है।
खुर्जा नगर क्षेंत्र में ही आधा दर्जन से ज्यादा होटल संचालित एक कंपनी के नाम पर किए जा रहे है। इनमें ज्यादातर ऐसे है जिनमें छोटे-छोटे पांच से दस कमरें बना रखे है। इनमें किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नही है। ज्यादातर होटल प्रेमी युगलों को ध्यान में रखकर ही तैयार किए गए है। जिनसे घंटो के हिसाब से चार्ज लिया जा रहा है। इन होटलो का सराय एक्ट में पंजीकरण नही है। नही इनमें किसी अनहोनी से बचाााव के लिए अग्नि रोधक यंत्र लगे है।
सराय एक्ट, रजिस्ट्रेशन होने तक होटल में नहीं रुक सकते पर्यटक
155 वर्ष पूर्व ब्रिटिश काल में बने सराय एक्ट में स्पष्ट है कि जब तक सराय (होटल) का पंजीकरण सराय एक्ट में नहीं कर लिया जाएगा, तब तक उसमें किसी यात्री या पर्यटक को नहीं ठहराया जा सकेगा। एक्ट का पालन कराने की सुध प्रशासनिक अधिकारियों ने वर्षों से ली ही नहीं। अगर वह एक्ट की सुध ले लेते तो शहर में अवैध होटल संचालित ही नहीं हो पाते। उनमें हो रही अवैध गतिविधियों पर भी लगाम लग जाती।
ब्रिटिश काल में वर्ष 1867 में सराय एक्ट बनाया गया था। इस एक्ट में आज भी होटलाें का पंजीकरण किया जा रहा है। एक्ट में सराय से आशय ऐसे भवन से माना गया था, जिसे यात्रियों के आश्रय और आवास के लिए प्रयोग में लाया जाता हो।
एक्ट में प्रविधान है कि जिलाधिकारी एक रजिस्टर रखेगा, जिसमें वह स्वयं या उसके द्वारा नामित व्यक्ति अपने अधिकार क्षेत्र के अंदर आने वाली सभी सरायों, सरायपालों के नाम, निवास स्थान की प्रविष्टि करेगा। इसके लिए कोई शुल्क सराय संचालकों से नहीं लिया जाएगा। सराय जब तक पंजीकृत नहीं कर ली जाएगी, तब तक उसमें किसी व्यक्ति को ठहराया नहीं जा सकेगा।