‘ननकाना साहिब हमसे कब तक दूर रहेगा’ योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान
लखनऊ. गुरु श्री तेग बहादुर जी महाराज के बलिदान दिवस पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि आखिर ननकाना साहिब हमसे कब तक दूर रहेगा. ये अधिकार वापस हमें मिलना चाहिए. सीएम योगी ने कहा कि उन लोगों से सावधान होने की जरूरत है जो हिंदू और सिखों के बीच में खाई पैदा करना चाहते हैं क्योंकि एक हैं तो नेक है. बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह किसी से छिपा नहीं है. पाकिस्तान में इससे पहले जो कुछ भी हुआ, वह भी किसी से छिपा नहीं है.
सीएम योगी ने कहा, ‘महान सिख गुरुजनों का इतिहास आज भी स्वर्णाक्षरों में अंकित है, जो हम सभी को एक नई प्रेरणा प्रदान करता है, जीवन में निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है. कुछ चुनौतियां हमारे सामने आज भी खड़ी हैं. आखिर ननिकाना साहेब हम सबसे कब तक दूर रहेंगे. हमें यह अधिकार हमें क्यों वापस नहीं मिलना चाहिए. अगर यह सूझबूझ 1947 में दिखाई गई होती तो संभवतया कीर्तन यात्रा में आने वाला व्यवधान हमें दिखाई नहीं देता. इतिहास हमें परिमार्जन का मौका दे रहा है. मुझे लगता है कि उस परिमार्जन के लिए हम सबको एकजुट होना होगा.’
सीएम योगी ने आगे कहा, ‘गुरु श्री तेग बहादुर जी महाराज ने देश और धर्म से हटकर कभी भी किसी विदेशी आक्रांता के सामने, किसी विधर्मी के सामने सिर नहीं झुकाया. सिख धर्म ने जो एक लंबी परंपरा देश को दी है, वह हम सबका जीवन है. हमें एक नई जीवंतिता प्रदान करता है. अगर हम उसका अनुसरण करेंगे तो दुनिया की कोई भी ताकत आपका बाल बांका नहीं कर पाएगी.’
देश को बंटने मत दो : सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा ‘देश को बंटने मत दो. अगर ऐसा हुआ तो आर-पार की लड़ाई शुरू हो जाएगी’, जो आज हमारे सामने है. आज बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं, बौद्धों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की हत्या की जा रही है. उन्हें जलाया जा रहा है. उनकी संपत्तियों को लूटा जा रहा है. इतना ही नहीं माताओं-बहनों की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.’
उन्होंने कहा कि जब तक बांग्लादेश में जिन्ना का जिन्न रहेगा तब तक इस तरह की अराजकता होती रहेगी. वहां पर गरीबों और वंचितों का शोषण हो रहा है. यह पाप 1947 में देश के विभाजन के रूप में सभी के सामने आया था. उसी का बदसूरत स्वरूप बांग्लादेश के रूप में फिर हमारे सामने है.