इजराइल ने ईरान पर शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे मिसाइल-ड्रोन्स से किया हमला
इजराइल ने ईरान पर शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) मिसाइल-ड्रोन्स से हमला किया है। ABC न्यूज ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से इसकी जानकारी दी। ईरान के शहर इस्फहान के एयरपोर्ट के पास धमाकों की आवाज सुनाई दी है। हालांकि, इजराइल ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी ने भी धमाकों की आवाज जानकारी दी। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइट रडार के मुताबिक, धमाकों के बाद ईरानी एयरस्पेस से कई फ्लाइट्स को डायवर्ट कर दिया गया है। CNN न्यूज के मुताबिक, करीब 8 विमानों के रास्ता बदलने की खबर है।
इस्फहान वही प्रांत है, जहां नाटान्ज समेत ईरान की कई न्यूक्लियर साइट्स मौजूद हैं। नाटान्ज ईरान के यूरेनियम प्रोग्राम का मुख्य हिस्सा है। इससे पहले 14 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर 300 से ज्यादा मिसाइल और ड्रोन्स से हमला किया था। इस दौरान उन्होंने इजराइल के नेवातिम एयरबेस को टारगेट किया था, जहां कुछ नुकसान भी हुआ था।
हालांकि, इजराइल अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की मदद से ईरान के 99% हमले को रोकने में कामयाब रहा था। ईरान के हमले के बाद इजराइल ने बदला लेने की चेतावनी दी थी। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर जवाबी कार्रवाई की प्लानिंग के लिए वॉर कैबिनेट के साथ 5 बैठकें भी की थीं।
हमलों की खबरों के करीब 4 घंटे बाद ईरान ने फ्लाइट्स पर लगी रोक हटा दी है। तेहरान के इमाम खुमैनी और मेहराबाद एयरपोर्ट पर सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं।
CNN न्यूज के मुताबिक, ईरान पर हमलों की खबर के बीच शुक्रवार सुबह दुबई से तेहरान जा रही एक फ्लाइट वापस UAE लौट गई। दरअसल, हमले के बाद तेहरान के इमाम खुमैनी एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया था। फ्लाई-दुबई कंपनी ने बताया कि उन्होंने ईरान जाने वाली सभी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी हैं।
CNN के मुताबिक, हमले से एक दिन पहले गुरुवार को अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इजराइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट से फोन पर बात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने ईरान के हमले और मिडिल ईस्ट में तनाव कम करने को लेकर चर्चा की थी।
ईरान-इजराइल में बढ़ते तनाव के बीच ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों से अपने नागरिकों को निकलने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “ईरान और इजराइल में सैन्य गतिरोध और आतंकी हमले का खतरा बढ़ता जा रहा है। सुरक्षा स्थिति खराब होने की आशंका है। ऐसे में हम ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों से सुरक्षा का ध्यान रखते हुए दोनों देश छोड़ने की अपील करते हैं।”