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मेरठ : सिलेंडर में लगी आग, जिंदा जला होमगार्ड,12 लोग झुलसे

मेरठ रविवार तड़के सुबह बड़ा हादसा हुआ है। यहां एक दो मंजिला घर के अंदर होमगार्ड की जिंदा जलकर मौत हो गई। होमगार्ड का पूरा परिवार रिश्तेदारी में गया था और वह घर पर अकेला था। आग इतनी तेज थी कि पड़ोस के मकानों तक आग पहुंच गई।

मदद के लिए आगे आए पड़ोसी बिजली, पुलिस, फायर ब्रिगेड के नंबरों पर फोन करते रहे। लेकिन किसी का भी फोन नहीं उठा। पड़ोसियों ने खुद जलता दरवाजा तोड़ा, अंदर आग में घुसकर सिलेंडर बाहर फेंका। लेकिन सरकारी मदद के नाम पर कोई नहीं आया। नतीजा होमगार्ड ने अंदर ही दम तोड़ दिया। वहीं इस हादसे में 12 लोग झुलसे हैं, इसमें 3 की हालत अभी भी गंभीर है।

मामला मेरठ के नौचंदी थाना क्षेत्र का है। यहां जयदेवी नगर में शिव मंदिर के पीछे यह घटना हुई है। बताया जा रहा है कि होमगार्ड का घर था। घर में जो गैस सिलेंडर रखा था उसमें रातभर गैस लीकेज हुई है। सुबह 4 बजे अचानक ही लीकेज गैस ने आग पकड़ ली। उस समय घर में होमगार्ड सोया हुआ था। धीरे-धीरे आग फैलने लगी।

रिश्तेदारी में गया था परिवार

पड़ोसियों ने बताया, जयदेवी नंबर गली नंबर 6 में 50 साल के श्रीपाल का दोमंजिला मकान हैं। वह होमगार्ड हैं। परिवार में श्रीपाल की पत्नी रानी, बड़ा बेटा अभिनव, बहू है। छोटा बेटा अमन रहता है। दो बेटियों की शादी हो चुकी है। दोनों बेटे प्राइवेट जॉब में हैं। शनिवार को श्रीपाल का पूरा परिवार नोएडा में रिश्तेदारी में साले के लड़के को देखने अस्पताल गए थे। घर पर श्रीपाल अकेले थे।

शनिवार रात श्रीपाल दरवाजा बंद करके घर के अंदर कमरे में सोए थे। बाहर के कमरे में एक गैस सिलेंडर रखा था। अचानक 4 बजे सुबह मकान से आग की लपटें और धुंआ उठता दिखा। ठंड की रात में घरों में अंदर सोए पड़ोसी पहले बात समझ नहीं पाए। लेकिन आग धीरे-धीरे फैलने लगी और घर में रखा एक सिलेंडर धमाके के साथ फट गया। आग फैलकर सामने पड़ोसी डबली पंडित के मकान तक पहुंची।

पड़ोसियों ने बताया, तेज धमाके की आवाज के बाद अचानक बाहर देखा तो आग लगी थी। इसके बाद इलाके में भगदड़ मची। पड़ोसियों ने पुलिस, फायर ब्रिगेड और बिजली विभाग को मदद के लिए हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल किए। लेकिन कहीं फोन नहीं उठा।

लोग खुद ही आग बुझाने का कोशिश करते रहे। जब मदद नहीं मिली तो खुद पड़ोसी लड़के खुद श्रीपाल के जलते घर में गेट तोड़कर घुसे। आग के बीच से बैठक में रखा गैस सिलेंडर बाहर फेंका।

समय पर मदद मिलती तो बच जाती जान

पड़ोसियों ने कहा, 4 बजे आग लगी। हम मदद को फोन मिलाते रहे लेकिन मदद नहीं मिली। सुबह 4.45 बजे पर फायर ब्रिगेड पहुंची और आग बुझाई। लगभग 45 मिनट तक पूरे इलाके में मौत मंडराती रही। मदद समय पर मिल जाती तो लोग नहीं झुलसते और होमगार्ड भी बच जाते। हम लोगों ने दूसरे सिलेंडर में आग लगने से तो बचा ली। वरना और जानें भी जा सकती थी।

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