मुरादाबाद के जेल सुपरिंटेंडेंट सस्पेंड
मुरादाबाद के जेल सुपरिेंटेंडेंट पीपी सिंह को शासन ने सस्पेंड कर दिया है। जेल सुपरिंटेंडेंट के खिलाफ यह कार्रवाई संभल हिंसा के आरोपियों की जेल में सपा नेताओं से मुलाकात कराने के मामले में की गई है। इसके पहले शासन मुरादाबाद जिला कारागार के जेलर और डिप्टी जेलर को भी सस्पेंड कर चुका है।
मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन के नेतृत्व में सपा नेताओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने 2 दिसंबर को मुरादाबाद जिला कारगार में जाकर संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात की थी। संभल हिंसा के आरोपियों से जेल में सपा नेताओं से मुलाकात कराने के मामले में शासन ने मुरादाबाद के जेलर विक्रम यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को सप्ताहभर पहले ही सस्पेंड कर दिया था। जबकि सीनियर जेल सुपरिंटेंडेंट के खिलाफ भी डीआईजी जेल को जांच दी गई थी।
सीनियर जेल सुपरिेटेंडेंट पीपी सिंह ने इस मामले में सफाई दी थी। उन्होंने कहा था- हमें ऐसे कोई निर्देश नहीं थे कि संभल हिंसा के आरोपियों की मुलाकात नहीं कराई जानी है। इस मामले में शुक्रवार को शासन ने जेल सुपरिंटेंडेंट पीपी सिंह को भी सस्पेंड कर दिया है।
2 दिसंबर को सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन, ठाकुरद्वारा के सपा विधायक नवाब जान खां और अमरोहा में नौगावां सादात के सपा विधायक चौधरी समरपाल सिंह समेत करीब 15 सपा नेताओं ने जिला जेल में जाकर संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात की थी। जेल में संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात के बाद सपा नेताओं ने राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कई आरोप लगाए थे। एसटी हसन ने कहा था- जेल में बंद संभल हिंसा के आरोपियों पर पुलिस ने बर्बरता की। अलग-अलग थानों में रखकर मारपीट करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। हसन ने कहा था- संभल हिंसा के आरोपियों से जेल में मिलकर मेरा दिल भर आया। इसी तरह के आरोप सपा के दूसरे विधायकों ने भी लगाए थे।