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नोएडा : SMS और OTP से दर्ज हो सकेंगी शिकायतें, मिलेगी पूरी जानकारी

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नोएडा, प्राधिकरण में ऐप बेस्ड ‘ग्रिवेंस रीड्रेसल मैनेजमेंट सिस्टम’ लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। ऐंड्रॉयड व आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम वाले इस ऐप के डेवलपमेंट की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी। इसे यूजर फ्रेंडली इंटरफेस से युक्त बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है।

इस ऐप की खासियत यह होगी कि इसमें शिकायतकर्ता वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के जरिए लॉगिन कर सकेंगे और शिकायत दर्ज कराने के बाद एसएमएस के जरिए उन्हें वाद निपटारा के लिए संबंधित अधिकारी का मोबाइल नंबर, विवरण व अन्य संपर्क सूत्र दिया जाएगा। इतना ही नहीं, इस ऐप के जरिए शिकायतकर्ता चरणबद्ध तरीके से शिकायत के निपटारा प्रगति की निगरानी भी कर सकेंगे।

क्लाउड बेस्ड ऐप होगा कई खूबियों से लैस

  • नोएडा प्राधिकरण जिस यूजर फ्रेंडली इंटरफेस बेस्ड ‘ग्रिवेंस रीड्रेसल मैनेजमेंट सिस्टम युक्त मोबाइल ऐप को लागू करने पर काम कर रहा है वह क्लाउड स्टोरेज इनेबल्ड ऐप होगा।
  • एमआईएस रिपोर्ट्स को भी केवल एक क्लिक में जेनरेट करने में सक्षम होगा।
  • यह ऐप यूजर रजिस्ट्रेशन व प्रोफाइल मैनेजमेंट, ग्रिवेंस सब्मिशन, ऐस्केलेश मैट्रिक्स, वर्कफ्लो मैनेजमेंट, रिपोर्टिंग, यूजर फीडबैक मैकेनिज्म, प्राइवेसी सिक्योरिटी, कस्टमाइजेशन इनेबल्ड व मोबाइल एक्सेसिबिलिटी से युक्त होगा।
  • यह ऐप नोएडा प्राधिकरण को डीटेल्ड रिपोर्ट्स का संचय व संकलन करने, केस का प्रायोरिटी के आधार पर निर्धारण व निस्तारण करने व यूजर फीडबैक मैकेनिज्म से युक्त होगा।
  • ट्रेनिंग व रिसोर्सेस के सपोर्ट की प्रक्रिया को भी एग्जिक्यूट करने में सक्षम होगा।

दो स्टेप में करेगा एप काम

शिकायत निपटारे के लिए यह ऐप दो स्टैप में काम करेगा। स्टैप-1 पर यह अधिकारी द्वारा शिकायत की गई कार्रवाई को अंकित करेगा। स्टैप 2 में विभाग प्रमुख से कार्रवाई पर अनुमोदन प्राप्त करने के साथ ही उन्हें पूरी प्रक्रिया की प्रगति से अवगत कराएगा। स्टैप-2 में अधिकारियों के लिए एक प्रावधान उपलब्ध होगा कि वे या तो प्रस्तावित कार्रवाई को स्वीकार कर सकते हैं या असंतोषजनक पाए जाने पर इसे इनकार कर सकते हैं।

यदि शिकायत को खारिज किया जाता है, तो शिकायत की लेवल 1 अधिकारी द्वारा फिर से जांच की जाएगी, और परिवर्तन करने के बाद प्रस्ताव फिर से प्रस्तुत किया जाएगा। शिकायतों की स्थिति की निगरानी के लिए उच्च पदस्थ अधिकारियों को एक डैश बोर्ड प्रदान किया जाएगा। वहीं, शिकायतकर्ता को भी ऐप के माध्यम से उसके द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की प्रगति व निपटारा को ट्रैक करने में मदद मिलेगी।

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