यूपी में कोरोना से लड़ने की तैयारी, हजारों हेल्थकर्मियों की लग रही ‘स्पेशल ड्यूटी’
लखनऊ: भारत के कई हिस्सों में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ रहे हैं. भारत में पिछले एक हफ्ते में कोविड-19 के 752 नए केस रिपोर्ट किए गए हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बढ़ते कोरोना के केसों पर बात की. साथ ही उन्होंने कोरोना काल में सेवाएं देने वाले कर्मियों को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान अस्थाई, अल्पकालिक, संविदा और आउटसोर्स के आधार पर कार्यरत कुल 2700 कर्मियों ने प्रदेश भर में अपनी सेवाएं दी थीं. इनमें से अब तक 2200 कर्मियों का समायोजन किया जा चुका है. वहीं, उन्होंने फिलहाल लोगों से अफवाहों से बचने को कहा है.
कोरोना पर कही ये बात
कोरोना की वर्तमान स्थिति पर बात करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना को लेकर किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है. विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वैरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है. उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी प्रकार की अफवाह से बचें और सरकार पर भरोसा रखें. राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क और तैयार है और स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.
इसके अलावा, डिप्टी सीएम पाठक ने कहा कि कोरोना के समय सेवाएं देने वाले कर्मियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की विभिन्न योजनाओं और प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जो लोग अभी तक समायोजन से वंचित रह गए हैं, उनके लिए भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को बचे हुए कर्मियों के शीघ्र समायोजन के आदेश दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि हाल ही में 676 कोविड कर्मियों के समायोजन को भी मंजूरी दी गई है और इसके संबंध में विभागीय पत्र जारी कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि एक माह के भीतर सभी कोविड कर्मियों की तैनाती की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं. यह सभी कार्मिक प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कोरोना महामारी के चरम काल में कार्यरत थे और अब सरकार उनके योगदान को सम्मान देते हुए उन्हें स्थायी व्यवस्था देने जा रही है.