बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर और अध्यादेश का विरोध, मंदिर के सेवायतों ने जमकर की नारेबाजी
बांके बिहारी ट्रस्ट और कॉरिडोर को लेकर बुधवार को मंदिर के गोस्वामियों ने विरोध किया। राजभोग की आरती के बाद गोस्वामी मंदिर परिसर के अंदर एकत्रित हुए और जमकर नारेबाजी की। विरोध कर रहे गोस्वामियों ने कहा कि वह किसी कीमत पर मंदिर और वृंदावन को अपने से दूर नहीं जाने देंगे।
राजभोग आरती के बाद एकत्रित हुए गोस्वामी
बुधवार को बांके बिहारी मंदिर में राजभोग आरती के बाद गोस्वामी एकत्रित हुए। इसके बाद मंदिर के आंगन में एकत्रित हुए गोस्वामियों ने नारेबाजी करते हुए कॉरिडोर और अध्यादेश का विरोध किया। शासन और प्रशासन का विरोध करते हुए गोस्वामियों ने अपने आक्रोश का इजहार किया।
बांके बिहारी मंदिर में एकत्रित हुए गोस्वामियों ने कहा कि वह स्वामी हरिदास जी के वंशज हैं। स्वामी हरिदास जी ने ही अपनी संगीत साधना से बांके बिहारी जी को प्रगट किया था। मंदिर के आशीष गोस्वामी ने बताया कि बांके बिहारी मंदिर गोस्वामियों की निजी संपत्ति है। हम लोगों ने जन्म से ठाकुर जी की सेवा की है। तन मन और धन से सेवा की है। आज सरकार बाहरी चंद व्यक्तियों के सिखाए में आकर बिहारी जी को हमसे छीनना चाहते हैं।इस प्रयास का पूरा गोस्वामी समाज विरोध करता है।
मंदिर में विरोध कर रहे आशीष गोस्वामी ने बताया कि हम लोग इस प्रयास को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। हमको भले ही अपने प्राण न्यौछावर करने पड़ें हम अपने बिहारी जी और वृंदावन को नहीं छोड़ेंगे। हिमांशु गोस्वामी ने बताया कि अगर सरकार अधिग्रहण करने से बाज नहीं आई तो हम इच्छा मृत्यु का आह्वान करेंगे सरकार से। सरकार हमारे ठाकुर जी को ले रही है तो हमको इच्छा मृत्यु भी दे।