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ताली बचानें और बारिश बरसने को कहने पर होती है बरसात, जानिए सच

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झारखंड, हजारीबाग जिले में एक गांव है, जहां बरसो पानी जोर से कहने और ताली बजाने पर बारिश होने लगती है. वैज्ञानिक भी इस रहस्य को नहीं सुलझा सके हैं. सालोंभर यहां पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है.
Jharkhand Village Story: बड़कागांव (हजारीबाग), -बरसो पानी जोर से बोलिए और ताली बजाते ही होने लगती है बारिश. सुनकर यकीन नहीं होगा, लेकिन सचमुच दुनिया की हैरतअंगेज जगह है बरसो पानी. यहां की वादियां भी मनोरम हैं. सुकून के पल गुजारने के लिए भी शानदार लोकेशन है. झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय से ये 22 किलोमीटर दूर है. बड़कागांव की आंगो पंचायत की झिकझोर पहाड़ी की तलहटी में है. यहां सालोंभर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है.

वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा सके हैं रहस्य

बरसो पानी में नाग के फन के आकार का विशाल चट्टान है. इस चट्टान के नीचे वह जगह है जहां जोर से बरसो पानी कहने एवं ताली बजाने पर रिमझिम बारिश होने लगती है. ऐसा देख पर्यटक दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं. सबसे आश्चर्य की बात ये है कि इसके इर्द-गिर्द कहीं पानी का स्रोत नहीं है. कई देशों के पर्यटक और वैज्ञानिक यहां आ चुके हैं, लेकिन आज तक यह पता नहीं लग पाया है कि ताली बजाने से यहां बारिश कैसे होने लगती है?
बरसो पानी के बाद दामोदर नद का भी लोग करते हैं दर्शन

वैसे तो हर रोज यहां पर्यटकों का आगमन होता है, लेकिन नवंबर से लेकर फरवरी महीने तक लोगों की काफी भीड़ रहती है. बरसो पानी से 4 किमी दूर दामोदर नद है. यहां विभिन्न प्रकार की चट्टानें हैं, जो लोगों को आकर्षित करती हैं.

ठहरने की ये है व्यवस्था

बड़कागांव में चट्टी कुशवाहा एवं सूर्य मंदिर में कुशवाहा धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था है. मोहन होटल, रेंज ऑफिस के पास आराध्या होटल में ठहर सकते हैं.

कैसे जाएं बरसो पानी
हजारीबाग बस स्टैंड से बड़कागांव पहुंचें. यहां से बादम रोड सांढ़ होते हुए शिंबाडीह स्कूल मोड़ से सोनपुरा, महूदी आंगो तक पहुंचें. यहां तक पक्की सड़क है. झिकझोर से कच्ची सड़क होते हुए बरसो पानी पहुंच सकते हैं.

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