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कृषि- किसान

नवंबर में ऐसे करें सरसों की बुवाई, तेल की मात्रा बढ़ेगी

शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में नवंबर का महीना सरसों की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है. इस महीने की गई बुवाई से पौधों की वृद्धि बेहतर होती है और फसल का उत्पादन भी अधिक मिलता है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान उन्नत किस्मों की बुवाई के साथ-साथ बीज और मिट्टी का शोधन करना बेहद जरूरी है, ताकि फसल को रोगों से बचाया जा सके.

कृषि विशेषज्ञ डॉ. हादी हुसैन खान बताते हैं कि सरसों की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए खेत की सही तैयारी और उर्वरक प्रबंधन बेहद जरूरी है. इसके लिए खेत की दो से तीन बार जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाएं, जिससे बीजों का जमाव सही हो सके.

खेत की तैयारी और बुवाई की विधि
सरसों की बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करना जरूरी है. इसके बाद दो से तीन बार हल्की जुताई कर मिट्टी को मुलायम बना लें. सरसों के बीज को लाइनों में बोएं. लाइन से लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. इस तरह बुवाई करने से निराई-गुड़ाई, सिंचाई और कटाई करना आसान होता है. साथ ही पौधों को पर्याप्त धूप और हवा मिलती है जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी होती है. बुवाई के बाद पाटा लगाकर बीजों को हल्की मिट्टी से ढक दें.

सरसों की फसल में संतुलित उर्वरक देना बहुत जरूरी है. बुवाई के समय प्रति हेक्टेयर 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फास्फोरस और 40 किलोग्राम पोटाश (NPK) की मात्रा डालनी चाहिए. ध्यान रखें कि नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय और आधी फूल आने से पहले दें. फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई के वक्त ही डालें.
साथ ही, प्रति हेक्टेयर 20 किलोग्राम सल्फर डालना न भूलें क्योंकि यह तेल वाली फसलों के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है. बीज शोधन के लिए 2.5 ग्राम थाइरम या कार्बेन्डाजिम प्रति किलो बीज से उपचार करें ताकि बीज और मिट्टी जनित रोगों से बचाव हो सके. मिट्टी में ट्राइकोडर्मा मिलाने से मृदा जनित फफूंद रोगों से भी सुरक्षा मिलती है.

कृषि विशेषज्ञों की सलाह
डॉ. हुसैन के अनुसार अगर किसान सरसों की बुवाई लाइन में करें और उर्वरक प्रबंधन के साथ समय-समय पर सिंचाई व देखभाल करें, तो उत्पादन और तेल की मात्रा दोनों ही बढ़ जाते हैं. यही नहीं, इस तरीके से तैयार की गई सरसों की फसल बाजार में भी बेहतर दाम दिला सकती है.

Umh News india

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