कफ सिरप का मास्टरमाइंड गिड़गिड़ाया, बोला-बेगुनाह हूं
मैंने कोई जहरीली सिरप नहीं बेची। मेरी द्वारा बेची गई दवाओं से बच्चों की मौत नहीं हुई। मैं क्लियर करना चाहता हूं, ये सभी बातें झूठी हैं। फेंसिडिल (Phensydil) सिरप न तो जहरीली है, न ही प्रतिबंधित है। न ही इससे बच्चों की मौत हुई है।
सपा प्रमुख अखिलेश और अन्य नेताओं से मैं कहना चाहता हूं कि ऐसी राजनीति न करें। लोगों को भ्रम में न डालें। मैं सीएम योगी से हाथ जोड़कर कहता हूं कि मैं बेगुनाह हूं। मुझे फंसाया जा रहा है। सीएम जी, हमारी मदद कीजिए। आप जांच करा लीजिए। मेरे पास हर तरह के सबूत हैं।
यह कहना है वाराणसी के कोडीन सिरप तस्करी के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल का। शुक्रवार को वह पहली बार सामने आया। उसने 13 मिनट का वीडियो जारी किया और खुद को बेगुनाह बताया। बाहुबली धनंजय सिंह के साथ तस्वीरों पर भी सफाई दी। कहा- मेरे किसी भी नेता और राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं हैं। फोटो-वीडियो कैसे वायरल हो रहे, मुझे नहीं पता।
शुभम अभी फरार है। STF उसे तलाश रही है। उसके पिता भोला प्रसाद जायसवाल के मुताबिक, वह दुबई में है। भोला को सोनभद्र पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है। वह थाईलैंड भागने की तैयारी में था। शुभम के साथी अमित सिंह टाटा और STF से बर्खास्त कॉन्स्टेबल आलोक सिंह को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
शुभम ने वीडियो में क्या कहा, 5 पॉइंट में पढ़िए
1. मैंने कोई नकली सिरप नहीं बेची
शुभम ने कहा, “मेरे बारे में मीडिया में एक महीने से खबरें चल रही हैं कि मैंने जहरीली सिरप बेची है। मेरी द्वारा बेची गई दवा से बच्चों की मौत हुई है। सदन में भी यह कहा गया कि मैंने नकली सिरप बेची। मैंने वो सिरप बेची जो प्रतिबंधित है, नकली है।
ये सभी बातें झूठी हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और अन्य नेताओं ने भी टिप्पणी की हैं। आप सभी को मैं क्लियर करना चाहता हूं। ये सभी बातें झूठी हैं। फेंसिडिल सिरप न तो जहरीली है और न ही प्रतिबंधित। न ही इससे बच्चों की मौत हुई है। मेरे पास डॉक्यूमेंट हैं।
ये एक सामान्य श्रेणी की दवा है, जो खांसी होने पर इस्तेमाल की जाती है। जो बच्चों की मौत हुई थी, वह कोडीन युक्त कोल्ड ड्रिफ सिरप पीने से हुई थी। फेंसिडिल (Phensydi)l सिरप बच्चों के लिए नहीं है। यह एडल्ट के लिए है।”
2. अखिलेश यादव भ्रम न फैलाएं
शुभम ने कहा, “मैं अखिलेश यादव से कहना चाहता हूं कि ऐसी राजनीति न करें। लोगों को भ्रम में न डालें कि जिस सिरप से बच्चों की मौत हुई है, वह वाराणसी से बेची गई थी। मैंने ड्रग डिपार्टमेंट से RTI के माध्यम से यह जानकारी ली थी कि दवा कैसे बेची जाए।
जवाब में बताया गया कि यह दवा लाइसेंस धारकों को ही बेचनी है और भुगतान बैंक खाते में ही लेना है। मैंने सारा क्रय-विक्रय ड्रग एक्ट का पालन करते हुए किया है। गाजियाबाद या सोनभद्र में जो माल पकड़ा गया, वह मेरी फर्म ‘शैली ट्रेडर्स’ का नहीं था, बल्कि दिल्ली की फर्म का था।”
3. मैं दवा व्यवसायी, मेरी कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं
शुभम ने कहा, ”ड्रग अफसरों ने मुझसे पैसे मांगे थे। जब मैंने कोई गलत काम नहीं किया तो मैं पैसे क्यों दूं? मैंने पैसे नहीं दिए तो अफसर मेरे खिलाफ फोन करके जबरन हर जगह नाम लिखवा रहे। वे मुझे फंसा रहे हैं। मैं ये नहीं समझ पा रहा कि मुझ पर क्यों कार्रवाई की जा रही।
मैंने सरकार को सभी डॉक्यूमेंट दिए। मैंने जुलाई में पूरा माल बेच दिया था। मेरे पास सभी बिल और डॉक्यूमेंट हैं। जहां-जहां मैंने माल भेजा, वहां-वहां मुझ पर केस दर्ज कराए गए हैं। मेरे परिवार की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं है। मैं दवा व्यवसायी हूं।”
4. मैंने ड्रग अधिकारियों को रिश्वत नहीं दी, इसलिए केस कराए गए
शुभम जायसवाल ने कहा, “कंपनी ने माल दिया, हमने उसे बेचा है। अगर हम पर कार्रवाई हो रही है तो कंपनी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। गाजियाबाद में जो सौरभ त्यागी पकड़ा गया, उससे मेरा कोई संबंध नहीं है।
ड्रग अधिकारियों को पैसे नहीं दिए तो जबरदस्ती मेरा नाम लिखवा दिया गया। मैं पूछना चाहता हूं कि उत्तराखंड, दिल्ली, झारखंड, मध्यप्रदेश की फर्म पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। मेरा किसी भी नेता और पार्टी से संबंध नहीं रहा है।”
5. मुझे फंसाया जा रहा, योगीजी जांच कराएं
शुभम जायसवाल ने कहा, “राजा ज्योति आनंद सिंह मेरे मित्र थे। एक साल पहले उनकी मौत हुई थी। उनकी फैमिली कह रही है कि मैंने जहर देकर मार दिया था, जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं आया था। उनके घर वाले भी धमकी दे रहे हैं।
योगी जी से मैं कहना चाहता हूं, मामले की जांच करवाइए। मुझे जबरन फंसाया जा रहा है। सिर्फ मुझ पर ही कार्रवाई हो रही, जबकि अन्य फर्मों पर कोई एक्शन नहीं हो रहा। मेरे पास हर तरह के सबूत हैं। मैं दोषी नहीं हूं।”

