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आपके ब्लड़ ग्रुप में छिपा हैै आपकी बीमारियों का राज, अभी पढ़िए, वरना पछताना पड़ेगा

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ज्योतिष में जीवन की कहानियों को समझने के लिए भविष्यवाणी की जाती है. इसे जन्म कुंडली कहा जाता है. लेकिन कुंडली की तरह आपका ब्लड ग्रुप भी है. दरअसल, ब्लड ग्रुप से कई बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. आपका ब्लड ग्रुप आपके हेल्थ रिस्क की खिड़की की तरह है. कई अध्ययनों में कहा जा चुका है कि खास ब्लड ग्रुप से खास तरह की बीमारियों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है. मुख्य रूप से चार प्रकार के ब्लड ग्रुप होते हैं, ए, बी, एबी और ओ. चारों ब्लड ग्रुप में मोटा-मोटी बीमारियों के कुछ संकेत छिपे हो सकते हैं. इसमें किसी ग्रुप वाले को हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा रहता है तो किसी ग्रुप को पेट की बीमारी का चांस ज्यादा रहता है. आइए जानते हैं कि किस ब्लड ग्रुप वाले को किस बीमारी का खतरा ज्यादा है.

हर ब्लड ग्रुप के अलग संकेत

  1. ब्लड ग्रुप A :टीओआई की खबर के मुताबिक जिस व्यक्ति का ब्लड ग्रुप ए है अगर उसका लाइफस्टाइल ठीक नहीं है तो उसे जीवन में हार्ट डिजीज, गैस्ट्रिक कैंसर और स्मॉलपॉक्स होने का रिस्क बहुत ज्यादा है.
  2. ब्लड ग्रुप B:बी ब्लड ग्रुप वाले लोगों को टाइप 2 डायबिटीज का हाई रिस्क रहता है. वहीं ऐसे लोगों को कुछ ऑटोइम्यून डिजीज भी हो सकता है. इसके अलावा स्केलेरोसिस डिजीज का भी खतरा रहता है.
  3. ब्लड ग्रुप AB:जिस व्यक्ति का ब्लड ग्रुप एबी है उसे याददाश्त संबंधी परेशानियां होंगी. ऐसे लोगों में याददाश्त उम्र से पहले कमजोर हो जाती है. इसका कारण संभवतः दिमाग में खून का प्रवाह कम होना है.
  4. ब्लड ग्रुप O:ओ ब्लड ग्रुप वाले का हेल्थ वैसे भी बेहतर माना जाता है लेकिन इस ग्रुप वाले व्यक्ति को पेप्टिक अल्सर और खून संबंधी गड़बड़ियों का खतरा ज्यादा रहता है. वहीं ऐसे व्यक्ति को हार्ट डिजीज का भी खतरा ज्यादा है.

ब्लड टाइप का महत्व क्यों है इतना

दरअसल, ब्लड टाइप से यह पता चलता है कि किस तरह एंटीजेन बायलॉजिकल प्रोसेस पर असर करता है. ब्लड ग्रुप में एंटीजेन मार्कर की तरह काम करता है जो इम्यून सिस्टम को सिग्नल देता है. इंफेक्शन, इंफ्लामेशन और ब्लड क्लॉटिंग के समय बॉडी किस तरह से रिस्पॉन्स करेगा, इसके बारे में एंटीजेन ही सूचना देता है. टाइप ए ब्लड ग्रुप में विलिब्रांड फेक्टर का लेवल बहुत ज्यादा होता है. विलिब्रांड फेक्टर एक प्रोटीन है जो ब्लड क्लॉटिंग में चिपक जाता है. जब ब्लीडिंग होता है तो यह आसानी से खून में गुच्छा बनाकर खून को बहने से रोक देता है लेकिन जब यह ज्यादा हो जाता है तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देता है. इसी तरह के व्यवहार सारे ब्लड ग्रुप के साथ है. हालांकि 2021 में हुई एक स्टडी में पाया गया कि ब्लड ग्रुप के व्यवहार के कारण ऐसा कहा जा सकता है कि ऐसा होगा लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किसी को बीमारी हो ही जाएगी. इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि ब्लड ग्रुप किसी बीमारी का कारण बन सकता है.

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