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अलीगढ़ में कैदी की मौत की मजिस्ट्रियल जांच होगी, जेल में सजा काट रहा था, डीएम ने दिए जांच के आदेश

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अलीगढ़, जेल में बंद विचाराधीन बंदी की संदिग्ध मौत के मामले में जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। एसीएम द्वितीय की देखरेख में सारे मामले की जांच की जाएगी और फिर डीएम को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इस जांच में जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बुजुर्ग बंदी की मौत के बाद परिवार के लोगों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही और उसे यातनाएं देने का आरोप लगाया था। जिसके बाद जेल अधीक्षक की ओर से इस मामले में मजिस्ट्रेटी जांच कराने के लिए जिलाधिकारी से पत्राचार किया गया था। अब डीएम विशाख जी. ने जांच के आदेश दिए हैं।

बुजुर्ग कैदी की हो गई थी मौत

अलीगढ़ के छर्रा थाना क्षेत्र के मोहल्ला हलवाईयान निवासी 73 वर्षीय रामबाबू पुत्र राधेलाल को एक मामले में जेल में बंद थे। उनका मामला कोर्ट में विचाराधीन था। पिछले माह जेल में उनकी तभीयत खराब हो गई थी और उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कालेज में भर्ती किया गया था।

जेएन मेडिकल कालेज इलाज के दौरान 8 फरवरी को सुबह 4:26 बजे रामबाबू की मौत हो गई थी। विचाराधीन बंदी की मौत के बाद जेल प्रशासन ने उसके परिवार को सूचना दी थी। जिसके बाद परिवार के लोगों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसी मामले में डीएम ने जांच शुरू की है।

कोई भी व्यक्ति दे सकता है साक्ष्य

जिलाधिकारी विशाख जी. ने बंदी की मौत के मामले में एसीएम सेकंड संजय मिश्रा को मामले की जांच सौंपी है। एसीएम सेकंड इस मामले की जांच करेंगे। इसमें जेल से लेकर मेडिकल कालेज तक के सभी तथ्यों की जांच करेंगे और इसकी रिपोर्ट डीएम को देंगे।

एसीएम सेकंड संजय मिश्रा ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति इस मामले में अपने बयान दर्ज कराना चाहता है या कोई साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहता है तो वह उनके समक्ष हाजिर हो सकता है। लोग 23 मार्च तक कलेक्ट्रेट की नई बिल्डिंग के कमरा नंबर 40 में हाजिर हो सकते हैं। लोगों के बयान और साक्ष्यों को गोपनीय रखा जाएगा।

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