भारत की कानून व्यवस्था और न्याय प्रणाली में सुधार के लिए बनाए गए तीन नए क्रिमिनल लॉ
दिल्ली. भारत की कानून व्यवस्था और न्याय प्रणाली में सुधार के लिए बनाए गए तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल आज राज्य सभा में पास कर दिए गए हैं. जल्द आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम बीते दिनों की बात हो जाएगी. इनकी जगह तीन आपराधिक विधेयक – भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023 ले लेंगे. हालांकि इसके लिए अभी कई औपचारिकताएं बाकी हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में विधेयक पर अपनी बात रखते हुए कहा कि नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से तारीख पे तारीख युग का अंत सुनिश्चित होगा और तीन साल में न्याय मिलेगा.
अमित शाह ने सदन में कहा हमने बोला था कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति लाएंगे. नए आपराधिक कानूनों के माध्यम से देश के खिलाफ काम करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी. नए आपराधिक कानून लागू होते ही FIR (प्राथमिकी दर्ज होना) से लेकर फैसले तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. अबतक लागू आपराधिक कानूनों का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लोगों को दंडित करना था, मुझे गर्व है कि हमनें भारतीय संसद ने आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए कानून बनाए हैं. नए आपराधिक कानून आपराधिक न्याय प्रणाली से नए युग की शुरुआत करेंगे.
सरकार ने नए आपराधिक कानूनों पर स्थायी समिति के सदस्यों के 72 प्रतिशत सुझाव स्वीकार किए हैं. लोकसभा एक दिन पहले ही तीन आपराधिक कानूनों को पास कर चुकी है. मानसून सत्र के दौरान गृह मंत्री ने तीनों नए कानूनों के विधेयक को संसद में पेश किया था. साथ ही यह भी कहा गया था कि विधेयकों संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा जा रहा है. वहां पर इन विधेयकों पर चर्चा की जाएगी और सदस्यों के सुझावों के मुताबिक इसमें जरूरी बदलाव किए जाएंगे.