यूक्रेन ने रूस के चार सैन्य हवाई अड्डों पर ड्रोन हमला किया
कीव: यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ ऐसी चाल चली कि मॉस्को की नींद उड़ गई. जेलेंस्की एक तरफ शांति की बात करते रहे. दूसरी ओर यूक्रेन ने रूस के चार सैन्य हवाई अड्डों पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला कर दुनिया को हैरान कर दिया. इस गुप्त ऑपरेशन, जिसे ‘स्पाइडर वेब’ का नाम दिया गया, में 40 से ज्यादा रूसी सैन्य विमान तबाह हो गए. यह हमला इतना सटीक और चतुराई से किया गया कि रूस की सैन्य ताकत को गहरा झटका लगा, और जेलेंस्की की रणनीति की हर तरफ चर्चा हो रही है. इस हमले में यूक्रेन ने वही रणनीति अपनाई जैसी भारत की है. दरअसल यूक्रेन ने भी हमले का वीडियो जारी कर पूरी दुनिया को सबूत दिया है.
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने डेढ़ साल तक इस हमले की गुप्त तैयारी की. जेलेंस्की और एसबीयू प्रमुख वासिल माल्युक ने खुद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. यूक्रेन ने सस्ते लेकिन घातक फर्स्ट-पर्सन-व्यू ड्रोन को ट्रकों में छिपाकर रूस के अंदर भेजा. ये ड्रोन लकड़ी के केबिन की छतों में छिपे थे, जिन्हें रिमोट से खोलकर हमला किया गया. जैसे ही छतें खुलीं, ड्रोन सीधे रूस के टीयू-95, टीयू-22एम3 और ए-50 जैसे रणनीतिक बॉम्बर विमानों पर टूट पड़े. यूक्रेन का दावा है कि इस हमले से रूस को सात अरब डॉलर का नुकसान हुआ.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में ट्रकों से ड्रोन निकलते और रूसी सैन्य ठिकानों की ओर बढ़ते दिखे. रूस के इरकुत्स्क और मुर्मांस्क जैसे इलाकों में हमले की पुष्टि हुई, लेकिन रूस ने नुकसान का पूरा ब्योरा नहीं दिया है. इरकुत्स्क के गवर्नर ने माना कि साइबेरिया में इस तरह का हमला पहली बार हुआ. यह ऑपरेशन रूस की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को बेनकाब कर गया.
इस हमले से पहले जर्मनी ने यूक्रेन को बड़ा तोहफा दिया. जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने यूक्रेन को अपनी लंबी दूरी की मिसाइलों से रूस के अंदर हमला करने की मंजूरी दी. यह फैसला पश्चिमी देशों के सख्त रुख को दिखाता है. जर्मनी के इस ग्रीन सिग्नल के बाद यूक्रेन ने रूस पर तबाही बरसाई. जेलेंस्की ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘हमारे 117 ड्रोन ऑपरेटरों ने तीन अलग-अलग टाइम जोन में काम किया. यह ऑपरेशन इतिहास की किताबों में दर्ज होगा.’
जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ ने एक स्पाइडर वेब इमोजी पोस्ट कर इस ऑपरेशन का इशारा दिया. यूक्रेन ने न सिर्फ रूस के महंगे विमानों को नष्ट किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कम लागत वाले ड्रोन युद्ध के मैदान को कैसे बदल सकते हैं.
रूस ने इस हमले का जवाब देने में देर नहीं की. उसी दिन रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया, जिसमें 472 ड्रोन और सात मिसाइलें शामिल थीं. इस हमले से पहले रूस ने यूक्रेन के एक सैन्य प्रशिक्षण केंद्र पर मिसाइल दागी गई, जिसमें 12 सैनिक मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हुए. इस हमले से यूक्रेन की सेना को बड़ा झटका लगा, और थल सेना प्रमुख मिखाइलो द्रापाती को इस्तीफा देना पड़ा. रूस के इस हमले ने यूक्रेन को चोट तो पहुंचाई, लेकिन जेलेंस्की की रणनीति ने रूस को ज्यादा नुकसान पहुंचाया. यह जंग अब सिर्फ हथियारों की नहीं, बल्कि चालाकी और तकनीक की भी हो गई है.
यह सब तब हुआ, जब यूक्रेन और रूस के बीच इस्तांबुल में शांति वार्ता होने वाली थी. जेलेंस्की ने अपनी टीम को रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव के नेतृत्व में भेजा, जो ‘पूर्ण और बिना शर्त युद्धविराम’ की मांग कर रही है. दूसरी ओर, रूस ने अपनी शांति शर्तों को सार्वजनिक करने से मना कर दिया. इस हमले ने वार्ता से पहले तनाव को और बढ़ा दिया.