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बुलंदशहर हिंसा में 7 साल बाद कोर्ट ने भाजपा नेता समेत 38 दोषी, इंस्पेक्टर की हत्या करके चौकी फूंकी

बुलंदशहर हिंसा मामले में 7 साल बाद कोर्ट ने 38 आरोपियों को दोषी करार दिया है। सजा का ऐलान अब शुक्रवार यानी एक अगस्त को होगा। स्याना कोतवाली क्षेत्र के महाव गांव में गोवंश के अवशेष मिलने पर चिंगरावठी में 2018 में हिंसा और आगजनी हुई थी।

भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस चौकी को फूंक दिया था। हिंसा में स्याना कोतवाली के इंस्पेक्टर समेत 2 लोगों की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मामले में मौजूदा जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान सहित 44 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से 5 की मौत हो चुकी है, जबकि एक आरोपी नाबालिग था, जो रिहा हो चुका है।

मुख्य आरोपी जिला पंचायत सदस्य और हिंदू संगठन से जुड़ा योगेश राज कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर आया है। फैसले को देखते हुए कोर्ट में 2 थानों की फोर्स को तैनात थी। अभियुक्त पक्ष के वकील अशोक डागर ने बताया- आज कोर्ट को फैसला सुनाना था। फैसला ढाई बजे आना था। कुछ आरोपी बाद में पेश हुए।

उन्होंने कहा कि जज साहब ने साढ़े तीन बजे मामले में सभी 38 आरोपियों को दोषी करार दिया। सजा का ऐलान एक अगस्त को होगा। हम दोष सिद्धी के फैसले पर संतुष्ट नहीं हैं। मामले में फैसला आने के बाद हाई कोर्ट जाएंगे।

3 दिसंबर, 2018 को स्याना कोतवाली के गांव महाव में गोवंश के अवशेष मिले थे। इसकी सूचना पर हिंदूवादी संगठन और आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने गोकशी का विरोध किया। आरोप है कि योगेश राज ने अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को इकट्‌ठा किया और उन्हें भड़काया।

भीड़ ट्रैक्टर-ट्रॉली में गोवंश के अवशेषों को भरकर बुलंदशहर हाईवे स्थित चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंच गई। भीड़ ने हाईवे को पूरी तरह जाम कर दिया। पुलिस ने लोगों रोकने का प्रयास किया तो भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस चौकी फूंक दी।

हिंसा के दौरान तत्कालीन कोतवाल सुबोध कुमार भीड़ को काबू करने में शहीद हो गए थे। चिंगरावठी के रहने वाले युवक सुमित की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आनन-फानन में पुलिस ने गोकशी के 10 आरोपियों पर केस दर्ज किया था, तब जाकर मामला शांत हुआ था।

तत्कालीन कोतवाली प्रभारी प्रेमचंद शर्मा ने बताया- हिंसा के बाद पुलिस ने 44 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इनमें से 5 की मौत हो चुकी है। एक आरोपी नाबालिग था। जो रिहा हो चुका है। बाकी 38 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज है। इनमें से 4 आरोपी जेल में हैं, 34 जमानत पर हैं।

चिंगरावठी के रहने वाले मुख्य आरोपी जिला पंचायत सदस्य योगेश राज कुछ एक महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। हिंसा में शहीद कोतवाल सुबोध कुमार की लाइसेंसी पिस्टल का पुलिस आज तक पता नहीं लगा सकी है।

Umh News india

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