यूपी में बच्चे के पेट के आर-पार हुआ सरिया
यूपी के फतेहपुर में 5 साल का बच्चा 22 फीट ऊंचे मकान की छत से गिर गया। नाली में लगा सरिया उसके पेट के आर-पार हो गया। करीब 7 घंटे बाद ऑपरेशन करके सरिया निकाला गया। उस दौरान बच्चा दर्द से तड़पता रहा।
हादसा उस वक्त हुआ, जब बच्चा छत पर खेल रहा था। अचानक उसका पैर फिसला और वह नीचे गिर गया। चीख-पुकार सुनकर परिजन बाहर आए। नाले से सरिया को काटकर अलग किया। फिर जब पेट से सरिया निकालने की कोशिश की, तो बच्चा चीखने लगा।
उसे कानपुर के रिजेंसी अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने कहा कि ऑपरेशन करना पड़ेगा। इसमें करीब 5 लाख रुपए का खर्च आएगा। लोगों ने चंदा जुटाकर 2.8 लाख रुपए जमा किए, तब जाकर ऑपरेशन हो पाया।
डॉक्टरों का कहना है कि अब बच्चा खतरे से बाहर है। ऊंचाई से गिरने के चलते बच्चे को मल्टीपल फ्रैक्चर हुए हैं। पेट के अंदरूनी कई अंग भी फट गए हैं। इसलिए मॉनिटरिंग में रखा गया है। घटना रविवार सुबह जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर खखरेरू थाना क्षेत्र के नगर पंचायत वार्ड नंबर-12 की है।
फतेहपुर शहर के मुराइन टोला निवासी वकील अहमद प्राइवेट जॉब करते हैं। उनका मासूम जैन उनका इकलौता बेटा है। 31 अक्टूबर को रामनगर के रहने वाले उनके साढ़ू लड्डन पठान के घर पर शादी होनी है। शुक्रवार को वकील बेटे और पत्नी के साथ उनके घर पहुंचे।
रविवार सुबह 10 बजे उनका 5 साल का बेटा जैन दूसरे बच्चों के साथ छत पर खेल रहा था। खेलते-खेलते छत के किनारे आ गया। पैर फिसलने से नीचे गिर गया। नीचे पड़ोसी के घर की निर्माणाधीन नाली की सरिया उसके पेट के आर-पार हो गई।
बच्चों की चीख सुनकर परिजन दौड़कर बाहर आए। देखा तो सरिया जैन के पेट के आर-पार हो चुका था। उन्होंने उसे सरिया से बाहर निकालने की कोशिश की। बच्चे की हालत देखकर परिजनों ने कटर की मदद से नाली में लगी सारिया को काटा। पेट में फंसी सरिया के साथ ही उसे लेकर सीएचसी भागे। यहां मलहम-पट्टी के बाद उसे कानपुर रेफर कर दिया गया। बच्चे के पिता वकील ने बताया- कानपुर के रिजेंसी अस्पताल में डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए 5 लाख रुपए का खर्च बताया था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण मेरे पास इतना पैसा नहीं था। इससे बाद मेरे साढ़ू लड्डन ने हमने मोहल्ले वासियों से मदद की अपील की।
इसके बाद 2 लाख 80 हजार का चंदा इकट्ठा हुआ। इसके बाद हम लोगों ने पैसे अस्पताल में जमा किए। इसके बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया। तब जाकर बच्चे की जान बची। वहीं, लड्डन ने बताया कि किसी तरह से 2. 80 लाख जुटे। बाकी पैसे के लिए हमने मोहल्ले वासियों से मदद की अपील की।

