UP में 2 करोड़ लोगों को नमो-एप से जोड़ेगी BJP, लोकसभा चुनाव का मेगा प्लान तैयार
लोकसभा चुनाव में भाजपा का पूरा फोकस डिजिटल तकनीक इस्तेमाल पर है। भाजपा का प्लान चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में दो करोड़ लोगों को ‘नमो एप’ से जोड़ना है। इन दो करोड़ में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी, हर सेगमेंट के प्रमुख लोग और स्कूल-कॉलेजों के नए मतदाता हैं। इस काम के लिए यूपी बीजेपी हर शक्ति केंद्र पर कम से कम एक कैंप लगाएगी और एप डाउनलोड करवाएगी।
सांसद-विधायकों को भी कैंप लगाकर एुप डाउनलोड कराने के टारगेट मिल गए हैं। यूजर्स उस एप को देख रहे हैं या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग होगी और बीजेपी के कॉल सेंटर से उन्हें कॉल करके मोटिवेट भी किया जाएगा। बीजेपी का मकसद है कि कार्यकर्ता से इतर ये दो करोड़ लोग डिजिटल रूप से जुड़ जाएं, ताकि उनसे चुनावी संवाद बना रहे।
भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सतेंद्र सिसौदिया ने बताया, जिलों में सांसद प्रत्येक विधानसभा में 10-10 कैंप लगाएंगे। वर्तमान विधायक और 2022 का चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी अपनी विधानसभा में कुल 25-25 कैंप लगाएंगे। इसी तरह जिला पंचायत अध्यक्ष को प्रत्येक सदस्य के माध्यम से उनके इलाके में पांच कैंप लगवाने हैं।
आयोग, निगम और विभिन्न बोर्ड के पदाधिकारी, सहकारिता के सभापति व डायरेक्टर और ब्लॉक प्रमुख को पांच-पांच कैंप लगवाने का टारगेट है। नगर निकायों में जीते और हारे पार्षद भी अपने-अपने वार्ड में एक-एक कैंप लगाएंगे। इसके बाद जो शक्ति केंद्र बचेंगे, वहां विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों से कैंप लगाकर लोगों के मोबाइल में ‘नमो एप’ डाउनलोड कराया जाएगा। प्रत्येक शहरी बूथ पर 200 और ग्रामीण बूथ पर 100 लोगों के फोन में ये एप अनिवार्य रूप से डाउनलोड कराना है।
भाजपा के गाजियाबाद महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि संगठन में कई प्रकोष्ठ हैं। सभी प्रकोष्ठ पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी दी गई है। उदाहरण के तौर पर महिला मोर्चा टीम विभिन्न योजनाओं की महिला लाभार्थी, किसान मोर्चा की टीम किसान लाभार्थियों के मोबाइल में नमो एप डाउनलोड कराएगी।
इसी तरह पिछड़ा मोर्चा, अनुसूचित मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा को भी टारगेट दिए हैं। भाजपा युवा मोर्चा की टीमें जिले के प्रत्येक डिग्री कॉलेज, प्रोफेशनल कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थानों में कैंप लगाकर आम विद्यार्थियों को नमो एप डाउनलोड कराएंगी। इस काम में शिक्षण संस्थानों के संचालकों व प्रिंसिपल संग भी एक बैठक करके अपील की जाएगी कि वे शिक्षकों-कर्मचारियों व छात्रों को ये एप डाउनलोड कराएं।