Cinnamon Increase Weight Loss: मोटापे की चर्बी और कोलेस्ट्रॉल, कुछ दिनो में खत्म
Cinnamon Increase Weight Loss: सिनेमोम जेलेनिकम पेड़ की सूखी छाल से दालचीनी को प्राप्त किया जाता है. इसकी पत्तियों को तेजपत्ता कहा जाता है. यानी पेड़ और पत्तियां दोनों भारत में मसालों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. दालचीनी यानी यह पेड़ की छाल अद्भुत औषधीय शक्ति से पूर्ण है. यह बात हम नहीं बल्कि विज्ञान मानता है. हाल ही में एक रिसर्च प्रतिष्ठित जर्नल न्यूट्रेंट्स में प्रकाशित हुई है जिसमें दालचीनी के चमत्कारिक गुणों के बारे में बताया गया है. रिसर्च के मुताबिक दालचीनी मोटापे वाली चर्बी की कोशिकाओं के अंदर घुसकर उसे तोड़ने लगती है यानी ब्रेकडाउन करती है. ऐसा ही वह कोलेस्ट्रॉल के साथ भी करती है. दालचीनी में इतने तरह के कंपाउड होते हैं कि इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-डायबेटिक, एंटीऑक्सीडेंट्स और यहां तक कि एंटी-कैंसर गुण भी विद्यमान होते हैं. अध्ययन में पाया गया है कि दालचीनी में मौजूद गुण डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापे पर सीधा वार करता है.
दालचीनी के प्रभाव से ट्राईग्लिसेराइड्स, टोटल कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल भी कम होना शुरू हो गया. अध्ययन में पाया गया कि जब चूहों में दालचीनी का एक्सट्रेक्ट दिया गया तो कुछ ही सप्ताह बाद वीएलडीएल-सी और ट्राईग्लिसराइड्स कम होने लगा. यानी दालचीनी हार्ट के लिए भी बेहद फायदेमंद है. यह धमनियों में बैड कोलेस्ट्रॉल को जमने नहीं देता. उसकी कोशिकाओं में घुसकर उसका ब्रेकडाउन करने लगता है
अध्ययन के मुताबिक दालचीनी में एंटी-डायेबेटिक गुण होता है जो पैंक्रियाज के बीटा सेल्स उद्दीपीत करता है जिसके कारण इंसुलिन का उत्पादन होता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस का जोखिम कम हो जाता है. इन सबके प्रभाव से दालचीनी खून में शुगर की मात्रा को बढ़ने नहीं देती है
दालचीनी में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है जो सेल्स से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है जिसके कारण सेल्स में फ्री सेल्स नहीं बनते. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण क्रोनिक बीमारियां होती है. एंटी-कैंसर गुण के कारण दालचीनी कैंसर कोशिकाओं को पनपने नहीं देता. यानी यदि दालचीनी का सेवन किया जाए कई तरह के कैंसर का जोखिम कम हो जाता है.