दावा- संभल हिंसा में फोरेंसिक टीम को पाकिस्तान मेड 9 MM के 2 मिसफायर और 1 खोखा मिला
उत्तर प्रदेश के संभल हिंसा में मंगलवार को पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। फोरेंसिक टीम को यहां के कोट गर्वी मोहल्ले में नालियों से 5 खोखा और 1 मिसफायर कारतूस मिले हैं। ये खोखे पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री (POF) में बने हैं। इन कारतूस को पाकिस्तानी आर्मी इस्तेमाल करती है।
ASP श्रीश चंद्र ने बताया कि पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री के 9 MM के 2 मिसफायर और 1 खोखा बरामद हुआ है। इसके अलावा 12 बोर के 2 खोखे और 32 बोर के 2 खोखे बरामद हुए। एक खोखा विनचेस्टर मेड इन USA का है।
19 नवंबर को हिंदू पक्ष ने चंदौसी कोर्ट में दावा किया था कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। मामला कोर्ट में पहुंचा। अदालत के आदेश के बाद 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे के दौरान हजारों की भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी और फायरिंग कर दी। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए।
संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि 24 नवंबर की सुबह सर्वे हुआ था। उसी दौरान हिंसा हुई थी। इसमें 4 लोगों की मौत हुई थी। उसके बाद SIT गठित की गई। फोरेंसिक टीम और नगरपालिका ने आज जब जांच की तो बहुत चौंकाने वाली चीज सामने आई। एक POF 9MM, 68-26 एक फायर केस मिला है। इसे खोखा कहते हैं।
एक FN स्टार बना हुआ एक मिसफायर भी मिला। मिसफायर इसलिए कहेंगे क्योंकि उसके ऊपर स्ट्राइकर का निशान है। लगता है चलाते समय उसने निकाला है और फायर नहीं हुआ है दूसरा राउंड फायर करने के लिए शायद उसको यूज किया गया है।
एक 12 बोर का डायमीटर का खोखा मिला है, जिस पर लिखा है विनचेस्टर मेड इन USA, नंबर-12। एक और है जिसके पन्ने पर लिखा है- स्पेशल-12K। इस तरह के कुल 6 फायर और मिसफायर वाले केस मिले हैं। ये जो पाकिस्तान का कारतूस मिला है, ये दर्शाता है कि ये बहुत सीरियस केस है।
संभल की जामा मस्जिद का कोर्ट के आदेश पर 19 नवंबर को पहला सर्वे हुआ था। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि जामा मस्जिद मुगल शासक बाबर के समय श्रीहरिहर मंदिर था। बाबर ने उसे तुड़वाकर मस्जिद में बदल दिया।
24 नवंबर की सुबह करीब साढ़े 7 बजे सर्वे टीम दोबारा मस्जिद पहुंची। सुबह 6 बजे से ही जामा मस्जिद पर पुलिस तैनात थी। इलाके में भारी फोर्स को देखते हुए मुस्लिम कम्युनिटी में हलचल शुरू हो गई। पूरे शहर में ये अफवाह फैलने लगी कि आज मस्जिद पर कुछ होने वाला है। वॉट्सएप ग्रुपों में मैसेज वायरल होने लगे। धीरे-धीरे शहर के दूसरे हिस्सों में रहने वाले लोग भी जामा मस्जिद के आसपास जुटने लगे।