सीएम योगी बोले – यूपी में एडमिशन लेते ही आएगी स्कॉलरशिप
योगी सरकार ने छात्रवृत्ति वितरण व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए समय से पहले देने का ऐलान किया। आज यानी शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में 3.96 लाख छात्र-छात्राओं को ₹89.96 करोड़ की छात्रवृत्ति ट्रांसफर की।
सीएम योगी ने कहा- 2017 तक पिछली सरकारों ने छात्र-छात्राओं के साथ गलत किया। उन्हें स्कॉलरशिप न समय से मिली और न ही पूरी मिली। हमारी सरकार ने समय से पहले छात्रवृत्ति देने की शुरुआत कर दी है। आने वाले समय में एडमिशन लेते ही स्कॉलरशिप खाते में आ जाएगी।
पूर्व में फरवरी-मार्च में दी जाने वाली छात्रवृत्ति अब सितंबर में वितरित होगी। राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि यह कदम छात्रों के लिए दीपावली गिफ्ट जैसा है, जिससे वो समय पर पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद ले सकेंगे।
सरकार के अनुसार 2024 में 59 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति मिली थी। वर्ष 2025 में यह संख्या बढ़कर 70 लाख से अधिक होने की संभावना है। इससे पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को व्यापक रूप से लाभ मिलेगा।
पिछड़ा वर्ग कल्याण, समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मिलकर योजना का क्रियान्वयन तेज किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यह रणनीति तैयार हुई, ताकि छात्रों को नवरात्र के पावन अवसर पर ही राशि हस्तांतरित हो सके।
सीएम योगी ने कहा- हमें बंटना नहीं है, हम एकजुट रहकर बेहतर शिक्षा के लिए हर छात्र को स्कूल तक पहुंचाना है। “याद रखना, इन विभाजनकारी ताकतों ने देश को गुलाम बनाया था। अब नए भारत के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जो काम चल रहा है, उस आत्मनिर्भर विकसित भारत के लिए जो अभियान चल रहा है, उसके लिए ये फिर से बाधक बन रही हैं। समाज को बांटने का काम कर रही हैं। हमको बंटना नहीं है। हमें एकजुट होकर बेहतर शिक्षा के लिए हर छात्र को स्कूल पहुंचाना है। हर वंचित को स्कूली शिक्षा के साथ जोड़ना है। आज सरकार हर कार्य कर रही है। समाज कल्याण विभाग द्वारा अनेक कार्य किए जा रहे हैं।”
पिछली छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई थी, उसे भी देंगे
सीएम ने कहा कि सरकार ने शिकायतों के आधार पर निर्णय लिया है कि जिन 5 लाख छात्रों को डेटा लॉक होने के कारण पिछली छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई थी, उन्हें भी दीपावली से पहले छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाएगा। शिक्षा को विकास का आधार बताया सीएम योगी ने कहा कि शिक्षा सतत विकास के लक्ष्यों (SDGs) की कुंजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की गई।
कहा- “प्रधानमंत्री जी के ‘वन नेशन, वन स्कॉलरशिप’ विजन के तहत ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि छात्र के एडमिशन लेते ही छात्रवृत्ति स्वतः उसके खाते में पहुंच जाए।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2017 से अब तक प्रदेश में 2 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ मिला। केवल 2025-26 में ₹3124.45 करोड़ की राशि पिछड़ा वर्ग छात्रों के लिए निर्धारित की गई है। अनुसूचित जाति-जनजाति के 1.23 करोड़ से अधिक छात्रों को 2017-2025 के बीच ₹9150 करोड़ की राशि वितरित की गई। सामान्य वर्ग के 58.9 लाख छात्रों को ₹5945 करोड़ का लाभ दिया गया। 2016-17 में जहां छात्रवृत्ति बजट ₹1648 करोड़ था, वहीं 2025-26 में यह लगभग दोगुना होकर ₹3124 करोड़ हो गया है।