प्याज की खेती करते समय इन बातों का रखें ध्यान
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि प्याज की फसल 90 से 100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. किसानों को प्याज की फसल से कम लागत में अच्छा मुनाफा भी मिलता है. अगर किसान प्याज की फसल से अच्छा उत्पादन लेना चाहते हैं और ज्यादा दिनों तक स्टोर करना चाहते हैं तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है.
प्याज के कंद का साइज बड़ा करने के लिए किसान आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करें. इसके लिए किसानों को जरूरी है कि सल्फर, पोटाश और बोरॉन का कॉम्बिनेशन लेकर छिड़काव कर दें. तीनों चीजों के कॉम्बिनेशन की 1 ग्राम मात्रा लेकर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. पहला छिड़काव तब करें जब फसल 55 दिनों की हो जाए और दूसरा छिड़काव 15 दिनों के अंतराल पर करें. ऐसा करने से प्याज के कंद का साइज बड़ा होगा, चमक बढ़ेगी और छिलका मजबूत होगा. प्याज को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है.
इसके अलावा, अगर प्याज को लंबे समय तक स्टोर करना चाहते हैं तो हार्वेस्टिंग करने से करीब 15 दिन पहले प्याज के पौधों के डंठल को सतह के बराबर से काट दें. ऐसा करने से कंद मजबूत होगा और लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है.
प्याज के कंद की चमक बढ़ेगी जिससे किसानों को अच्छा भाव मिलेगा. यह विधि अपनाने से प्याज को सड़ने से बचाया जा सकता है और बाजार में अधिक दिनों तक अच्छा मूल्य प्राप्त किया जा सकता है.
किसानों को समय-समय पर फसल की जांच करनी चाहिए ताकि किसी भी तरह की बीमारी या कीट प्रकोप का समय पर उपचार किया जा सके. जैविक तरीकों से उपचार करने से प्याज की गुणवत्ता और भी बेहतर हो जाती है.
सही तकनीक अपनाकर किसान कम लागत में ज्यादा उत्पादन कर सकते हैं. प्याज की खेती में आधुनिक तरीकों का उपयोग करने से किसानों को अधिक लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाती है.