Religion

Laxmi-Ganesha Pujan : दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश जी की चौकी किस दिशा में लगाएं? क्या है पूजा शुभ मुहूर्त

Diwali Vastu Tips: कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. सनातन धर्म में यह पर्व लगातार 5 दिनों तक चलता है. इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है. इस बार दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर 2024 को है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा से घर में खुशियों का आगमन होता है. साथ ही, परिवार को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. हालांकि, पूजा के दौरान शास्त्रों में वर्णित कुछ नियमों का पालन करना चाहिए. ऐसा ही नियम लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति को लेकर भी है.

कई लोग मां लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्तियों को किसी भी दिशा में रख देते हैं, जोकि गलत है. ऐसा करने से जातक पर गलत प्रभाव पड़ सकता है. अब सवाल है कि आखिर दिवाली पूजा के दौरान मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा को किस दिशा में विराजमान करें? किस दिशा में लगाएं लक्ष्मी-गणेश की चौकी? दिवाली पर पूजा का शुभ क्या है?

दिवाली पूजा के दौरान दिशा का विशेष ध्यान रखें. ऐसा माना जाता है कि गलत दिशा का चयन करने से जातक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना उत्तर या पूर्व दिशा में करना सबसे उत्तम है. ऐसा करने वाले जातकों की सभी मुरादें पूरी होती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. घर में धन-धान की कमी नहीं रहती है.

राकेश चतुर्वेदी के मुताबिक, दिवाली पूजा के दौरान दिशा का विशेष ध्यान रखें. ऐसा माना जाता है कि गलत दिशा का चयन करने से जातक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना उत्तर या पूर्व दिशा में करना सबसे उत्तम है. ऐसा करने वाले जातकों की सभी मुरादें पूरी होती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. घर में धन-धान की कमी नहीं रहती है.

मंदिर को पूर्ण रूप से व्यवस्थित और साफ करें. इसके बाद कलश को सजाएं उसमें जल, गंगाजल, सुपारी, आदि डालें. हाथ में फूल और अक्षत लेकर मां लक्ष्मी का ध्यान करें. देवी का ध्यान करते उन्हें दूध, दही, शहद, तुलसी और गंगाजल के मिश्रण से स्नान कराएं.

ज्योतिषाचार्य बताते है कि, पूजा के समय मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें, लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखें कि मूर्ति कहीं से खंडित नहीं होनी चाहिए. मां लक्ष्मी की मूर्ति आशीर्वाद की मुद्रा में होनी चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की ऐसी प्रतिमा का चयन करें, जिसमे उनकी सूंड़ बाईं ओर घूमी हुई हो.

Umh News india

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *