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Poor AQI : दिल्ली वालों का दिवाली से पहले ही घुटने लगेगा दम

Delhi Set for Poor AQI:  एक तरफ दिवाली का त्यौहार आ रहा है दूसरी ओर दिल्लीवालों की आफत भी शुरू होने वाली है. पिछले चार महीनों से खुली और साफ हवा में सांस ले रहे दिल्लीवासियों को इस बार दिवाली से पहले ही प्रदूषण की मार झेलनी पड़ सकती है. केंद्र के एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम ने अनुमान लगाया है कि दिल्ली की हवा इस बार दिवाली से पहले ही जहरीली हो सकती है. अगर यह अनुमान सही साबित हुआ तो इसी सप्‍ताह मंगलवार से द‍िल्‍ली की एयर क्वालिटी खराब होने की संभावना है.

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से एयर क्वालिटी को लेकर जारी कि गए रोजाना के नेशनल बुलेटिन के मुताबिक सोमवार को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता थोड़ी और खराब हुई है. शाम को 4 बजे जारी होने वाले बुलेटिन के मुताबिक रविवार को दिल्ली का एक्यूआई लेवल 167 था, जो कि सोमवार को और खराब होकर 189 पहुंच गया. ऐसे में एक ही दिन में एक्यूआई लेवल में 22 अंक का फर्क साफ देखा गया.

वहीं दिल्ली के लिए ईडब्ल्यूएस ने अनुमान लगाया है कि दिल्ली का एक्यूआई मंगलवार तक घटकर खराब श्रेणी में जा सकता है. प्रदूषण की यह स्थिति 14 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक रह सकती है. इसके बाद अगले 6 दिनों में सांसों पर संकट और गहरा सकता है क्योंकि हवा के खराब से बहुत खराब श्रेणी में पहुंचने की संभावना है. इससे पहले 11 जून को दिल्ली का एक्यूआई 245 रिकॉर्ड किया गया था.

शाम को 4 बजे जारी बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली के 39 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से तीन की स्थिति पहले से ही बहुत खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है. इनमें आनंद विहार (346), वहीं नॉर्थ कैंपस (307) और ओखला (302) शामिल हैं. जबकि मथुरा रोड और पटपड़गंज सहित 6 अन्य स्टेशनों की हवा खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है. इनमें मथुरा रोड का एक्यूआई 276 और पटपड़गंज का 300 रिकॉर्ड किया गया.
4 महीने से खुली हवा में सांस ले रहे थे दिल्लीवाले
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 4 महीने से दिल्ली की हवा साफ थी. 11 जून से लेकर अभी तक कुल 124 दिनों में से 77 दिनों में एक्यूआई संतोषजनक था और 47 दिनों में मॉडरेट था. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि मॉनसून के लौटने और तापमान के गिरने के अलावा पराली जलाने और त्यौहारों के बाद होने वाले प्रदूषण से दिल्ली में प्रदूषित धुएं की चादर तनना शुरू हो गई है.

सीपीसीबी ऐसे तय करता है केटेगरी
बता दें कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड हवा की गुणवत्ता को तय करने के लिए इन मानकों का उपयोग करता है. यानि जब एक्यूआई 0-50 के बीच में होता है तो यह संतोषजनक, 51-100 के बीच में मॉडरेट, 101-200 के बीच में खराब, 201-300 के बीच बहुत खराब और 301-400 के बीच में बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर हो जाता है.

क्या कह रहे एक्सपर्ट
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि हवा और मौसम में बदलाव की वजह से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. स्काईमेट मेटेरेलॉजी के वाइस प्रेसिडेंट महेश पलावत का कहना है कि दिल्ली में हवा की गति कम हो गई है. सोमवार को यहां हवाएं 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं. हवा की दिशा पश्चिमी से उत्तर-पश्चिमी है और पराली का थोड़ा-बहुत प्रवेश होगा. हमें मौसम में कोई खास बदलाव की उम्मीद नहीं है, हवा की दिशा और गति कम ही रहेगी. ऐसे में बढ़ते प्रदूषण के पीछे पराली खास वजह नहीं है.

प्रदूषण की क्या है वजह?
डीएसएस के डाटा के अनुसार दिल्ली के पीएम 2.5 में प्रदूषण के अन्य स्त्रोतों का योगदान देखें तो सोमवार को पराली जलाने का योगदान करीब 0.62 फीसदी था जो कि पिछले दिनों के मुकाबले 0.24 फीसदी ज्यादा था.

वहीं ट्रांसपोर्ट दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने वाला प्रमुख फैक्टर बनकर उभरा है. सोमवार को इसका योगदान 19.6 फीसदी देखा गया. जबकि झज्जर में 9.8 फीसदी और सोनीपत में 6.1 फीसदी था.

आमतौर पर दिल्ली की हवा अक्टूबर में खराब होना शुरू होती है. जब दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून लौटने लगता है और तापमान में गिरावट आती है. इसी दौरान उत्तर भारत में पराली जलाने की घटनाएं होती हैं, त्यौहारी सीजन की वजह से पटाखे आदि भी जलाए जाते हैं और तापमान और हवा की गति भी कम हो जाती है. लिहाजा प्रदूषक तत्व वायुमंडल में इकठ्ठे होने लगते हैं.

कैसा रहेगा दिल्ली का मौसम
सोमवार को दिल्ली का मौसम 32.6 डिग्री सेल्सियस था जो सामान्य से एक डिग्री नीचे था, लेकिन रविवार से एक डिग्री ज्यादा था. मौसम विभाग का अनुमान बताता है कि बुधवार तक आसमान साफ रहेगा और तापमान 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. वहीं दिल्ली की न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस है जो सामान्य से नीचे है. वहीं मंगलवार को यह 18 से 20 डिग्री सेल्सियस और बुधवार को 19 से 21 डिग्री सेल्सियस के बीच में रहने का अनुमान है.

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