google-site-verification=aXcKQgjOnBT3iLDjEQqgeziCehQcSQVIW4RbI82NVFo
News

यमुना नदी की नई डीपीआर में क्षेत्र को नहीं जोड़ा जाना दुर्भाग्यपूर्ण : इन्द्रराज सिंह गुर्जर

पावटा (राजेश कुमार हाडिया)। केंद्र सरकारी की मंजूरी के बाद ईआरसीपी नहर परियोजना में 13 जिलों को शामिल करने के बाद भी विराटनगर को नही जोड़ा गया। पूर्व विधायक इन्द्रराज सिंह गुर्जर ने यमुना नदी की डीपीआर में विराटनगर, कोटपूतली व शाहपुरा को नही जोड़ने के लिए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

पूर्व विधायक गुर्जर ने ईआरसीपी या यमुना नदी की नई डीपीआर में इन तीनों तहसीलों के बांधों को जोड़ने की मांग करते हुए कहा कि अगर नहर योजना से क्षेत्र को नही जोड़ा गया तो यहां पानी के अभाव में फसल चौपट हो जाएगी जिससे किसान बर्बाद हो जायेंगे। यहां पीने के पानी के लिए भी लोगों को तरसना पड़ेगा। गुर्जर ने बताया कि क्षेत्र में पीने के पानी की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। विराटनगर के लोगों को तो 15 किलोमीटर दूर किशनपुरा नदी से पानी पिलाया जा रहा है। जल स्तर भी एक हजार फीट के करीब गिर चुका। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी ईआरसीपी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। लेकिन तब केंद्र ने इसकी मंजूरी नही दी। अब पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की लाईफ लाईन ईआरसीपी को केंद्र व राज्य ने मंजूरी दे दी है। जिसकी डीपीआर बनाने का काम शुरू हो चुका है।

लेकिन दुर्भाग्य है कि इस डीपीआर में विराटनगर, कोटपूतली व शाहपुरा विधानसभा क्षेत्रों के किसी भी बांध को नहीं जोड़ा जा रहा है। इसको लेकर पूर्व में गुर्जर द्वारा उपखंड मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गयाा। लेकिन अभी तक इसमें कोई सकारात्मक कार्रवाही नहीं हुई। अब केंद्र सरकार यमुना नदी का पानी लाने की डीपीआर को मंजूरी दे दी है। इसमें चुरू, सीकर व झुंझनु जिलों को जोड़ा जा रहा है। लेकिन इस डीपीआर में भी इन तीनों तहसीलों को नहीं जोड़ा जा रहा है।

Umh News india

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *