लखीमपुर : किसान को खा गया बाघ, सिर धड़ से अलग किया
यूपी के लखीमपुर खीरी में बाघ ने किसान को हमला कर मार डाला। 200 मीटर खींचकर बाघ किसान की पूरी गर्दन खा गया। सिर धड़ से अलग कर दिया। किसान खेत में काम कर रहा था, तभी बाघ ने हमला किया। इस क्षेत्र में आदमखोर बाघ 26 दिन में 4 को मार चुका है।
घटना मंगलवार शाम 3.30 बजे की गोला तहसील के इमलिया गांव की है। घर से डेढ़ किलोमीटर दूर अमरीश घरवालों के साथ खेत में गया था। वह खेत में काम करने लगा और परिवार को घर भेज दिया।
देर शाम जब नहीं लौटा तो परिजन तलाश करते हुए खेत में पहुंचे। वहां लाश देखकर चीख-पुकार मच गई। वन विभाग की टीम और पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
किसान अमरीश के भाई जसवंत ने बताया- कल शाम को मैं, भाई अमरीश और भाभी राजकुमारी खेत में गए थे। उस दौरान भाई ने देखा कि खेत में गन्ने की फसल गिरी है। वह फसल को सीधा कर बांधने लगे। हमसे और भाभी से कहा कि चारा घर ले जाकर पशुओं को खिला दो।
हम घर वापस आ गए, लेकिन देर शाम तक भाई नहीं लौटे। कई बार कॉल की तो उनका फोन नहीं उठा। इसके बाद मैं खेत में गया। वहां आवाज लगाई, लेकिन रिस्पॉन्स नहीं मिला। 200 मीटर आगे जाकर देखा तो भाई की लाश पड़ी थी। शरीर से सिर अलग था।
शव इस हालत में था कि उधर देखा भी नहीं जा रहा था। शरीर पर बाघ के नोचने-खरोंचने के निशान थे। वहां खून और क्षत-विक्षत शव देखकर भाभी बेसुध हो गईं। भाई के दो बेटे और दो बेटियां हैं। एक बेटी की शादी हो चुकी है।
पत्नी राजकुमारी ने रोते हुए कहा- बेटे से 5 बार पति को फोन मिलवाया लेकिन फोन नहीं उठा। हमारे मन में अनहोनी की आशंका हुई। मैंने देवर से कहा कि भैया अभी तक नहीं आए। हम जब खेत आए तो देखा गमछा खून से सना पड़ा था। फोन दूर पड़ा था। बाघ के पंजों के निशान खेत में थे। हम जोर-जोर से रोने लगे। तब देवर ने गांव वालों को सूचना दी। सभी लोग मिलकर गन्ने के खेत में अंदर गए। वहां पति की लाश पड़ी थी। सिर अलग देखकर हम बेहोश हो गए।
सूचना मिलते ही महेशपुर वन रेंजर स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। गोला के नायब तहसीलदार सर्वेश कुमार और भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंची। ग्रामीणों ने घटना को लेकर वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया। काफी देर तक उनका वन विभाग के अधिकारियों से विवाद हुआ। वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
तहसीलदार और पुलिस ने ग्रामीणों को शांत कराया। वन विभाग ने 5 दिन के अंदर परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता देने की बात कही। दक्षिण खीरी के DFO संजय विश्वाल ने बताया- बाघ के हमले से किसान की मौत की सूचना मिली है, टीम को मौके पर भेजा गया। गोला रेंजर संजीव तिवारी ने कहते हैं- बाघ और तेंदुए जंगल से निकलकर आवारा पशुओं के पीछे आ जाते हैं। गन्ने के खेत में ठिकाना बना लेते हैं। यहां पर शिकार करने में उनको ज्यादा भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ती। आसानी से पशुओं को दबोच लेते हैं।
आबादी के आसपास जो लोग गन्ने की बुआई कर रहे हैं, उनसे कई बार गन्ना बोने से मना किया। लेकिन मानते नहीं। गन्ने की वजह से बाघ को पकड़ने में दिक्कत आती है। बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया है।