आगरा में 1700 घर दरके…दहशत में 10 हजार लोग, जैक पर टिके मकान
आगरा में मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट 50% पूरा हो चुका है। डेवलपमेंट की नई लाइन खींच चुकी है, मगर मेट्रो ट्रेन 1700 घरों के लिए परेशानी का सबब भी बन चुकी है।
घरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं। 146 मकानों के छज्जे गिरने की कगार पर हैं। उनमें जैक लगाने पड़े हैं। अनुमान है कि 10 हजार लोग इससे प्रभावित हैं। इसका असर सबसे ज्यादा मोती कटरा और सैय्यद गली पर पड़ा है।
सवाल उठता है कि मेट्रो से आखिर घरों के दरकने का क्या संबंध? आगरा कॉलेज से मनकामेश्वर मंदिर स्टेशन के बीच अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए टनल बनाई जा रही है। इसके लिए 100 से 150 फीट गहराई में खोदाई हुई है। अक्टूबर, 2023 में कंस्ट्रक्शन शुरू हुआ। जुलाई-अगस्त में कुछ घरों में दरारें आईं। बढ़ते-बढ़ते इसका असर 1700 घरों में दिखने लगा।
- मोती कटरा इलाके में 20 मीटर की परिधि में करीब 700 घर पर असर पड़ा।
- सैय्यद गली इलाके को मिलाकर 50 मीटर की परिधि में कुल 1700 घरों में दरारें दिखने लगी हैं।
घनी आबादी है। ज्यादातर घर पुराने पैटर्न पर बने हुए हैं। निर्माण 100 साल से ज्यादा पुराने हैं, इनमें बहुत से ऐसे घर भी दिखे, जिनके स्ट्रक्चर रेनोवेट कराए गए थे। हमने लोगों से मेट्रो प्रोजेक्ट के असर से दरके घरों पर बात की।
जिन लोगों से बात हुई, उन्होंने राजेश माहौर, जय शर्मा, रामेश्वर, आकाश वर्मा, छोटेलाल शर्मा, विनाद माहौर और मुकेश गोयल के नाम बताए। कहा कि इनके घर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ये सब बताते हुए लोगों के चेहरे पर गुस्सा था। बोले- पूरी जिंदगी की कमाई लगाकर आदमी घर बनवाता है। अब अपनी आंखों से उनका ये हाल देख रहे हैं। अफसर आते हैं, मगर उन्हें हमारी भावनाओं से जुड़ी इन इमारतों से लगाव कहां? उन्हें सिर्फ लिखा-पढ़त और टेक्निकल बातें ही समझ आती हैं। हमारे परिवार दहशत में हैं।