Religion

कांवड़ यात्रा की इस दिन से हो रही शुरूआत, जानें 

कांवड़ यात्रा, जो सावन मास में भगवान शिव के भक्तों द्वारा की जाने वाली एक महत्वपूर्ण तीर्थ यात्रा है, 11 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक आयोजित होगी। यह यात्रा मुख्य रूप से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, और बिहार जैसे राज्यों से होकर गुजरती है। प्रत्येक राज्य की सरकार ने इस धार्मिक आयोजन को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। नीचे विभिन्न राज्यों और वहां की प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ियों के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी गई है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)

सुरक्षा और निगरानी: उत्तर प्रदेश सरकार ने यात्रा की सुरक्षा के लिए ड्रोन, हेलीकॉप्टर, और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की है। हर प्रमुख बिंदु पर कंट्रोल रूम और पुलिस की तैनाती होगी। भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाएंगे।मेडिकल सुविधाएं: 20 मेडिकल शिविर, 30 एम्बुलेंस, 250 पैरामेडिकल स्टाफ, और 180 बेड की व्यवस्था की गई है।सुविधा शिविर: हरिद्वार, गाजियाबाद, और अन्य स्थानों पर शिविरों में पेयजल, शौचालय, और मुफ्त भोजन की व्यवस्था होगी। यूपी रोडवेज 350 अतिरिक्त बसें चलाएगा।स्वच्छता और पर्यावरण: नगर विकास विभाग ने स्वच्छता, प्रकाश, और पेयजल की व्यवस्था के लिए योजना बनाई है। कांवड़ मार्गों और शिविरों पर अस्थायी शौचालय बनाए जाएंगे, जिन्हें दिन में दो बार साफ किया जाएगा। एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध और कचरा निपटान के लिए डस्टबिन की व्यवस्था होगी।प्रतिबंध: खुले में मांस और शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। आपत्तिजनक, भड़काऊ, या अश्लील गीतों पर रोक और रात 11 बजे के बाद डीजे संचालन पर प्रतिबंध है।ट्रैफिक व्यवस्था: बरेली, रामपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, और संभल जैसे जिलों के लिए विशेष ट्रैफिक डायवर्जन रूट चार्ट जारी किया गया है।

उत्तराखंड (Uttarakhand)

सुविधाएं: पेयजल, शौचालय, और कांवड़ पटरी को दुरुस्त करने की व्यवस्था की जा रही है।अंतर-राज्य समन्वय: 27 जून 2025 को हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, और हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों के साथ इंटर-स्टेट मीटिंग आयोजित की गई, जिसमें डीजे और कांवड़ की ऊंचाई को लेकर एसओपी बनाई गई।सुरक्षा: यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं, विशेष रूप से हरिद्वार में, जहां से अधिकांश कांवड़िए गंगाजल लेते हैं।

दिल्ली (Delhi)

शिविर: दिल्ली सरकार ने शहर में 200 शिविर लगाने की योजना बनाई है, जिसमें 40 उत्तर-पूर्वी दिल्ली, 30 पूर्वी दिल्ली, और 17 शाहदरा में होंगे। इन शिविरों में बिजली, पेयजल, शौचालय, और पंखों की व्यवस्था होगी।सुरक्षा और समन्वय: गृह मंत्री आशीष सूद ने लाउडस्पीकर की समय सीमा निर्धारित करने और रिहायशी इलाकों में शोर कम करने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली पुलिस को पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय करने को कहा गया है।आपातकालीन सेवाएं: अग्निशमन विभाग को शिविरों के पास छोटी फायर गाड़ियों की तैनाती के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।पंजीकरण: डीएम कार्यालयों में शिविर समितियों का पंजीकरण 1 जुलाई 2025 से शुरू होगा।

हरियाणा (Haryana)

सुरक्षा और बिजली: हरियाणा के कांवड़ मार्गों पर बिजली विभाग ने विशेष निगरानी की व्यवस्था की है। झुके हुए बिजली खंभों और तारों की मरम्मत की जा रही है ताकि डीजे या अन्य उपकरणों से हादसे न हों।प्रशासनिक सख्ती: मेरठ प्रशासन के साथ समन्वय में डीजे संचालकों को आपत्तिजनक गीतों पर रोक और ध्वनि सीमा का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

पंजाब (Punjab)

मार्ग प्रबंधन: पंजाब से कांवड़िए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रास्ते हरिद्वार जाते हैं। मेरठ प्रशासन ने पंजाब पुलिस के साथ मिलकर डीजे और कांवड़ की ऊंचाई को लेकर नियम तय किए हैं।सुरक्षा: यात्रा के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय पुलिस और प्रशासन सक्रिय है।

बिहार (Bihar)

जल संग्रहण स्थल: बिहार के सुल्तानगंज से कांवड़िए गंगाजल लेते हैं और बैद्यनाथ धाम जैसे शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं।सुरक्षा और सुविधाएं: स्थानीय प्रशासन ने यात्रा मार्गों पर सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की है, हालांकि विशिष्ट विवरण सीमित हैं।
Umh News india

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