श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस…सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर पर फैसला सुरक्षित
प्रयागराज, मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित परिसर का कोर्ट कमिश्नर सर्वे नियुक्त करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित किया गया है। जिला जज ने हिंदू पक्ष और वक्फ बोर्ड, दोनों का पक्ष सुना। वहीं, मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर कोर्ट ने सुनवाई टाल दी। अब 11 जनवरी पर सुनवाई होगी।
इसके बाद जिला जज ने फैसला सुरक्षित कर दिया। विवादित परिसर की वीडियो और फोटोग्राफी कैसे होगी? इसके साथ ही विवादित परिसर का किस तरह से सर्वे का कार्य पूरा किया जाएगा और अदालत को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
इस सुनवाई से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगवान केशवदेव का पास जारी किया है। दरअसल, केशवदेव भी इस केस में एक पक्षकार है। आज मथुरा से उनका विग्रह स्वरूप कोर्ट में पेशी के लिए आया है।
सुप्रीम कोर्ट कर चुका है मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज
बता दें कि 15 दिसंबर को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह के कमिश्नर सर्वे पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर सर्वे से दिक्कत है तो प्रॉपर तरीका अपनाएं। इसके बाद सुनवाई पर विचार किया जाएगा।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को विवादित स्थल का कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। शाही ईदगाह मस्जिद और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वर्चुअली इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसमें कमिश्नर सर्वे और हाईकोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा कि कार्रवाई को चलने दें।
शुक्रवार को शाही ईदगाह विवाद मामले के सभी केस की ट्रांसफर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। हिंदू पक्ष के एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, शाही ईदगाह कमेटी ने हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए गए सभी केस को मथुरा कोर्ट में सुनवाई करने की मांग की है। उसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इसी बीच, मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के आदेश को मेंशन करते हुए सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह की 13.37 एकड़ विवादित जमीन
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार करते हुए ईदगाह सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। 16 नवंबर को इस अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह के 13.37 एकड़ विवादित जमीन का कोर्ट कमिश्नर सर्वे करेंगे। यह सर्वे वाराणसी की ज्ञानवापी में मई 2021 में हुए कमिश्नर सर्वे की तरह होगा। इसमें कोर्ट कमिश्नर की टीम वहां जाकर सबूत जुटाएगी और कोर्ट को रिपोर्ट देगी। सर्वे का तरीका क्या होगा? टीम में कौन-कौन होंगे? कब सर्वे करेंगे? ये सब 18 दिसंबर को हाईकोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई में तय होगा।
हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद में मंदिर होने के प्रमाण मौजूद हैं, जो सर्वे होने के बाद सामने आ जाएंगे। वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वहां इस तरह के कोई चिह्न या सबूत मौजूद नहीं हैं। पहले भी वहां ऐसा कुछ नहीं था।
एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि साल 1670 में श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर में स्थित ठाकुर केशव देव मंदिर को तोड़कर उसके ऊपर शाही ईदगाह बना दी गई। ईदगाह के निर्माण में मंदिर के अवशेष ही प्रयोग किए गए। इनमें सनातन धर्म के प्रतीक चिह्न बने हैं। महेंद्र प्रताप सिंह का दावा है कि इस बात के प्रमाण श्रीकृष्ण जन्मस्थान से जुड़ी किताबों में मिलता है।