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भव्य राम मंदिर में विराजमान होने वाले रामलला की मूर्ति बनाकर तैयार

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अयोध्या,  रामलला की मूर्ति बनाकर तैयार हो गई है। कर्नाटक के दो और राजस्थान के एक पत्थर से कुल तीन मूर्तियों का निर्माण किया गया है। मूर्तियां बनकर तैयार हैं, जिसे इसी सप्ताह राम मंदिर ट्रस्ट और उससे जुड़ी धार्मिक समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।

इसके बाद 15 दिसंबर तक इनमें से किसी एक मूर्ति का चयन किया जाना है। जिसकी 22 जनवरी को प्रतिष्ठा होगी। वहीं, मंदिर में पीतल के स्तंभ लगाए जाने हैं, जोकि हैदराबाद में तैयार किए जा रहे हैं।

Ramlala’s Statue Ready In Ayodhya : रामसेवकपुरम में मूर्तियों का निर्माण गोपनीय ढंग से देश के प्रसिद्ध मूर्तिकारों ने किया है। कर्नाटक के पत्थर की मूर्तियां श्याम रंग की हैं। जबकि राजस्थान की श्वेत संगमरमर की मूर्तियां हैं। अयोध्या में कनक भवन, श्रीरामवल्लभाकुंज आदि में भगवान श्रीसीताराम के विग्रह बहुत ही मनमोहक हैं। यह श्वेत संगरमरमर के ही हैं। कालेराम मंदिर में काले कसौटी के पत्थर पर श्रीराम पंचायतन के विग्रह हैं। यह तीनों मंदिर राम भक्तों के बेहद लोकप्रिय हैं। इन मंदिरों में अयोध्या के संत नित्य दर्शन करने जाते हैं।

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पहले ही कह चुके हैं कि जो तैयार मूर्तियों में जो सबसे आकर्षक होगी। उसे संतों और ट्रस्ट के चयन के बाद अंतिम रूप से तय माना जाएगा। फिलहाल करोड़ों राम भक्तों के प्रिय रामलला कैसे होंगे, उस पर पूरे विश्व के भक्तों की निगाह लगी हुई है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, राम मंदिर का गर्भगृह लगभग बनकर तैयार है। राम जन्मभूमि परिसर में 3200 से अधिक मजदूर कार्य कर रहे हैं।

20 जगहों पर भोजन और 3 स्थानों पर आवास की व्यवस्था
इस बीच 22 जनवरी और उसके बाद अयोध्या आने वाले भक्तों के भोजन प्रसाद के लिए अयोध्या के 20 स्थानों पर व्यवस्था ट्रस्ट की ओर से की जा रही है। इनमें कारसेवकपुरम, प्राकृतिक चिकित्सालय, सुग्रीव किला, रामसेवकपुरम, ट्रस्ट का रामकोट कार्यालय आदि शामिल हैं। इसी तरह आवास की व्यवस्था बाग बिजेसर के तीर्थ क्षेत्र पुरम, तुलसी दास योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय परिसर और कारसेवकपुरम में की जा रही है। विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा के अनुसार, इन सभी स्थानों पर 25 हजार लोगों के आवास और भोजन की व्यवस्था की जा रही है।

इस बीच विश्व हिंदू परिषद ने 1984 से लेकर 1992 तक राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे अनुभवी नेताओं को इस महोत्सव की तैयारी के लिए उतार दिया है। इसमें संगठन के संयुक्त महामंत्री संगठन विनायक राव देश पांडे, संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर शर्मा, केंद्रीय मंत्री अंबरीष सिंह, अशोक तिवारी और राजेंद्र सिंह पकंज, बजरंग दल के पूर्व संयोजक सोहन सोलंकी, प्रांतीय मंत्री मनोज वर्मा और गजेंद्र सिंह शामिल हैं। इन सभी को भोजन, आवास और अतिथियों के सत्कार की जिम्मेदारी दी गई है।

‘हम 11 करोड़ परिवारों को रामलला का पूजित अक्षत पहुंचा रहे’
इस बीच राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण का काम तय समय से चल रहा है। हम 11 करोड़ परिवारों को रामलला का पूजित अक्षत पहुंचा कर देश के 5 लाख मंदिरों में अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को दिखाएं।यह बड़ा काम है।इस पर पूरा संगठन जुटा हुआ है। यह आयोजन पिछले 100 साल के भव्य आयोजनों में एक होगा। इसके लिए हमारा एक-एक कार्यकर्ता और सहयोगी लोग जुट गए हैं।

इस बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी को लेकर संघ, विश्व हिंदू परिषद और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की संयुक्त बैठक लगातार चल रही हैं। दो दिन पहले राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र भवन में हुई संयुक्त बैठक संघ के अधिकारी कृष्ण गोपाल, केंद्रीय संपर्क प्रमुख रामलाल, केंद्रीय संगठन महामंत्री विनायक राव पांडे, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा के साथ 50 से अधिक पदाधिकारी मौजूद रहे।

बैठक से पहले संघ व राम मंदिर के ट्रस्टियों ने बाग विजेशी टेंट सिटी, मंदिर निर्माण कार्यशाला और निर्माणाधीन राम मंदिर का जायजा लिया। प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी को लेकर बैठक में दूर-दूर से आने वाले राम भक्तों की सुविधाओं और व्यवस्थाओं पर किया मंथन किया गया है।

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