उन्नाव : 2000 घरों में घुसा गंगा का पानी, बाढ़ की चपेट में 4 तहसील
यूपी में नदियां उफान पर हैं। उन्नाव में गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। यहां फसलें, गांव और स्कूल सब जलमग्न हैं। गांव में 2 से 3 फीट तक पानी भरा है। कई गांव टापू बन गए हैं। गांव में पानी ही पानी दिख रहा है।
गंगा खतरे के निशान से 7 सेमी ऊपर बह रही है। यहां 2000 घर बाढ़ की चपेट में हैं। कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट चुका है। 500 बीघे से ज्यादा की फसल बर्बाद हो चुकी है। बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही उन्नाव के कटरी इलाके में मचाई है।
चारो ओर पानी भर जाने से लोग ऊंची जगहों पर रहने को मजबूर हैं। प्रशासन अलर्ट मोड में है। लोगों का कहना है कि खाने के भी लाले पड़ गए हैं।
बाढ़ के बीच हम उन्नाव के सदर क्षेत्र में पहुंचे। यहां हर जगह पानी भरा है। खेत तालाब बन गए हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा किए गए उपाय काफी नहीं हैं। खाने की चीजें भी मुश्किल से मिल पा रही हैं। यहां सदर, सफीपुर, बांगरमऊ और बीघापुर क्षेत्र में गंगा का पानी 50 से अधिक गांवों में घुस चुका है।
कई ग्रामीण क्षेत्र में बाढ़ खंड के अधिकारी कटाव रोकने के प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हालात बेकाबू होते जा रहे है। सड़कें भी बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे गांवों का एक-दूसरे से संपर्क टूट चुका है। बिजली सप्लाई ठप होने के कारण ग्रामीण अंधेरे में रह रहे हैं। खासकर कच्चे मकानों की स्थिति ज्यादा चिंताजनक है। जहां कई घर गिरने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं, मवेशियों के लिए चारे की किल्लत है, जिसके चलते उन्हें भूखा रहना पड़ रहा है।
बाढ़ के कारण गांवों में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। कई स्थानों पर जलभराव इतना है कि लोग अपने घरों के अंदर फंसे हैं। लोग छतों पर रात गुजारने को मजबूर हैं। घरों के अंदर पानी भरने से न केवल रहने में दिक्कतें आई हैं, बल्कि राशन, दवा और पीने के पानी की समस्याएं भी बढ़ गई हैं।
बाढ़ से स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्यों की शुरुआत की है। लेकिन लोगों का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है। कई परिवार एक जगह से दूसरी जगह पलायन करने के लिए मजबूर हो गए, जिससे उनकी रोजी-रोटी भी प्रभावित हो रही है।