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हम भले ही परेशानी में हो लेकिन बच्चों का पूरा ख्याल रखते है : आमीन मंसुरी

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पावटा (राजेश कुमार हाडिया)। रमजान का पाक माह चल रहा है। ऐसे में रमजान को लेकर प्रागपुरा कस्बा में भी हर कोई उत्साहित है। रमजान पर्व पर बिना कुछ खाए पिए बड़ों के साथ छोटे बच्चे भी शिद्दत से रोजा रखकर अल्लाह से मुल्क की सलामती की दुआ करते है। कहा जाता है कि रमजान शरीफ और रसूल के आज्ञा पालन के अलावा कर्तव्य धैर्य और संकट से मुकाबिल होने के लिए यह अभ्यास का महीना है। जिसमें मुल्क की सलामती के लिए छोटे बच्चे भी रोजे का व्रत रखते है। सुबह सूर्योदय के साथ शुरू होने वाला रोजा शाम सूर्यास्त पर समाप्त होता है और ऐसे में दिनभर छोटे बच्चे भी शिद्दत और इबादत से रोजा रख अल्लाह से मुल्क की सलामती की दुआ करते है। अभिभावकों से ज्यादा बच्चों में भी रोजा रखने का उत्साह दिखाई देता है। बच्चों की उम्र भले ही छोटी हो लेकिन जज्बा बहुत बड़ा है। अलग-अलग उम्र के बच्चे पूरी शिद्दत से कुरान शरीफ और नमाज अदा कर रोजा के नियमों का पालन करते है।

प्रागपुरा कस्बा निवासी असलम लौहार ने बताया कि मेरे पुत्र गुलाम जिलानी की उम्र 08 वर्ष है और वह भी रोजा रख रहा है ताकि हमारा मुल्क सलामत रहे। हमें रोजा रखने में कोई समस्या नहीं होती है। हाजी ईम्मामुद्दीन लौहार ने बताया कि हम रोजा रखकर नमाज पढ़ते है। कभी कभार तो हमें थोड़ा कष्ट होता है, लेकिन हम रोजा नहीं छोड़ते है। हाफी साहब मदरुम इस्लाम बरकाती व सदर आमीन मंसुरी ने बताया कि समुदाय में बड़े – बुजुर्गों के साथ छोटे बच्चे भी रोजा रखते है। सुबह बच्चे नमाज पढ़ते है जो धर्म और इस्लाम के नियम है उनका पालन भी करते है। ऐसे में बच्चों में उत्साह दिखता है। उन्होंने कहा हम भले ही परेशानी में हो, लेकिन बच्चों का पूरा ख्याल रखते है। जिसके चलते बच्चे पूरे माह आसानी से रोजा रख लेते है।

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