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सोना एक बार फिर 75 हजार रुपए पार हुआ, चांदी भी 85 हजार रुपए किलोग्राम तक पहुंचा

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सोना का भाव लगातार बढ़ते जा रहा है। शनिवार को बाजार का रेट खुला तो लखनऊ में सोना 75800 रुपए प्रति 10 ग्राम रहा। चांदी का भाव 85100 रुपए किलो है। 13 अप्रैल को सोना 75 हजार रुपए प्रति तोला से कम हुआ था। रेट 74300 रुपए तक आया था।

हालांकि पिछले एक महीने से सोने का रेट लगातार बढ़ ही रहा है। उम्मीद है कि इस बार सोना करीब 85 हजार रुपए प्रति तोला तक जाएगा। पिछले एक महीने में सोने का भाव करीब 9 हजार रुपए प्रति तोला तक बढ़ा है।

कारोबारियों का कहना है, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आए परिवर्तन की वजह से ऐसा हो रहा है। माना जा रहा है कि ऐसा ही रहा तो इस साल के अंत तक सोने का भाव 85 हजार रुपए प्रति तोला तक पहुंच सकता है।

चौक सराफा बाजार के कारोबारी विनोद माहेश्वरी का कहना है कि सोना 75,800 रुपए पार हो गया है। 2 महीने पहले तक यह रेट करीब 65 हजार रुपए प्रति तोला से भी कम था। ऐसे में 60 दिन में 10 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 6 मार्च को सोना 67300 रुपए प्रति तोला और चांदी 75500 रुपए किलो था।

बिक्री पर पड़ा असर
सोना महंगा होने से बिक्री पर भी असर पर पड़ रहा है। करीब 60 फीसदी तक बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। स्थिति यह है कि चौक, महानगर, पत्रकापुरम, आलमबाग, अमीनाबाद समेत सभी बड़े बाजार में सोने के रेट पर असर पड़ा है। आदिश जैन का कहना है कि बिक्री पर भी काफी ज्यादा असर पड़ा है।

मंदी के डर से पूरी दुनिया में बढ़ा निवेश
बुलियन कारोबारी विशाल गुप्ता ने बताया, विश्व स्तर पर चर्चा है कि आने वाले कुछ महीनों में मंदी आएगी। अब मंदी के डर से लोगों का सोने में निवेश लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में महंगा होने के बाद भी डिमांड कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है।

उन्होंने बताया, मौजूदा समय में भारत समेत दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सोना खरीद रहे हैं। ऐसे में सप्लाई से ज्यादा डिमांड बढ़ गया है। डिमांड और सप्लाई का अनुपात गड़बड़ होने की वजह से रेट बढ़ा है।

85 हजार तक जा सकता है सोना
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, आने वाले दिनों में सोने में तेजी जारी रह सकती है। इसके चलते इस साल के आखिर तक सोना 85 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। सोने का रेट लगातार बढ़ने से लोकल खरीदारी पर असर पड़ेगा। हालांकि रेट अंतर्राष्ट्रीय बाजार से तय होता है। लेकिन बिक्री कम हुई तो सराफा बाजार के कारोबारियों का मुनाफा कम होगा।

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