काशी विश्वनाथ में 7KM लंबी लाइन…
वाराणसी में श्रद्धालुओं की भीड़ फिर उमड़ने लगी है। आज घाट से लेकर बाबा विश्वनाथ मंदिर तक के रास्ते खचाखच भरे हैं। श्रद्धालुओं की 7 KM लंबी लाइन लगी है। शाम 4 बजे तक 5 लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए।
मंगलवार दोपहर तक 15 लाख भक्त काशी पहुंचे। अनुमान है कि अगले 48 घंटे में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 50 लाख पार कर जाएगी। काशी में इतनी भीड़ उमड़ने की 3 वजह हैं। पहला- माघी पूर्णिमा, दूसरा- संत रविदास जयंती और तीसरा- महाकुंभ का पलट प्रवाह।
बुधवार को रविदास जयंती कार्यक्रम में 15-20 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने के आसार हैं। केवल पंजाब से ही 5 लाख से ज्यादा लोग पहुंचेंगे।
सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने इमरजेंसी क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया है। काशी में भक्त किन रास्तों से जाएंगे? उन रूटों पर प्रशासन ने क्या व्यवस्था की है? क्राउड को कैसे मैनेज किया जाएगा? महाकुंभ से लौटी श्रद्धालुओं की भीड़ से काशी में जाम जैसी स्थिति है। मंदिर मार्ग से लेकर घाटों तक लोगों का रेला लगा हुआ है। काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए लगी कतार एक ओर मैदागिन तक और दूसरी ओर घाट तक पहुंच गई। मंगला आरती के साथ ही गंगाघाट और काशी विश्वनाथ मंदिर के रास्ते लोगों से भरे हैं। 7 किमी लंबी लाइन में लगकर लोग दर्शन कर रहे हैं।
यूपी के कई जिलों के अलावा बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। जर्मनी, इंग्लैंड, फ्रांस, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, मॉरीशस, मलेशिया, नेपाल और भूटान से भी भक्त आए हैं। विदेशों से आए लोग मंदिरों के गेस्ट हाउस और शहर के होटलों में ठहरे हैं।
सोमवार को सर्वाधिक 3 लाख श्रद्धालु गंगा आरती में शामिल हुए। इससे घाट जाम हो गए। प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर दोनों ओर रातभर हजारों वाहनों की कतार नजर आई। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर 20 किमी तक जाम लगा रहा।
काशी आने वाले वाहनों को बॉर्डर पर ही रोका जा रहा है। शहर के अंदर काशी विश्वनाथ धाम से 5 किमी रेडियस में नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है।
सीएम योगी के आदेश के बाद काशी की सड़कों पर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल समेत 10 आईपीएस, तीन जोन के एडीसीपी समेत 17 पीपीएस सड़क पर उतरे हैं। इसके अलावा डीएम समेत 5 आईएएस, 11 पीसीएस अफसर भी व्यवस्थाओं में लगे हुए हैं। कंट्रोल रूम से एडीसीपी और एडीएम निगरानी रख रहे हैं।
पुलिस कमिश्नर ने शहर के प्रमुख इलाकों का निरीक्षण किया। शहर की ज्यादातर पार्किंग फुल हैं। यूपी कॉलेज, कटिंग मेमोरियल, संपूर्णानंद विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ समेत पार्किंगों में हजारों वाहन खड़े हैं। शहर में छोटे-बड़े मिलाकर 18-20 हजार से अधिक वाहन बाहर से आए हैं।
हां, वाराणसी में आज 20 लाख श्रद्धालु रहेंगे। अगले 24 घंटे में 50 लाख श्रद्धालु और पहुंचेंगे। हालांकि श्रद्धालुओं का आना-जाना बना हुआ है। बनारस आने के बाद कहीं श्रद्धालुओं को रोका नहीं जा रहा है लेकिन पार्किंग से मंदिर तक लगभग 2 किमी पैदल जाना होगा। गोदौलिया, चौक, गंगाघाट और दशाश्वमेध से लाइन में लगना होगा।
शहर के अंदर बाहरी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित है। मंदिर के मार्ग तक कार से नहीं जा सकेंगे। मंदिर से 5 किमी पहले ही सभी तरह के वाहन प्रतिबंधित हैं। आपको शहर के बाहर बनी पार्किंग में कार पार्क करना होगा, क्योंकि अभी बाहरी वाहनों को शहर में एंट्री नहीं दी जा रही है।
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से उतरने के बाद ऑटो मिलेगा जो नई सड़क तक पहुंचाएगी। इसके बाद आपको गोदौलिया और मंदिर तक पैदल जाना होगा। उधर, रेलवे स्टेशन से दूसरे रास्ते पर ऑटो आपको मैदागिन तक पहुंचाएगा। यहां से उतरकर पैदल जाना होगा। बनारस या काशी रेलवे स्टेशन से भी ऑटो मिलेंगे जो लक्सा और लहुराबीर तक पहुंचाएंगे। सभी वाहन बैरियर से आगे नहीं जाएंगे, पार्किंग में खड़े होंगे।वाराणसी जंक्शन, बनारस, वाराणसी सिटी, काशी, सारनाथ, शिवपुर रेलवे स्टेशन हैं। इन स्टेशनों से काशी विश्वनाथ मंदिर की दूरी क्रमश: 3, 5, 2, 3, 15, 12, किलोमीटर है। इन सभी स्टेशनों से अभी ऑटो, ई रिक्शा चल रहे हैं, जो बैरिकेडिंग या बैरियर तक जा रहे हैं। यहां से लोग पैदल ही आगे जाते हैं।
सबसे ज्यादा लंबा जाम वाराणसी प्रयागराज बॉर्डर पर है। हालांकि, आप जिस भी रास्ते से आ रहे हैं, वहां शहर के बाहर जगह-जगह पार्किंग बनाई गई हैं। वहीं वाहन खड़े करने होंगे। 12 फरवरी को वाहनों की भीड़ और बढ़ सकती है, इसलिए बॉर्डर पर रोक लगा दी गई है।
कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर- 9 से सीरगोवर्धन की दूरी करीब 17 किलोमीटर है। यहां पहुंचने के लिए फुलवरिया फोर लेन, लहरतारा, मंडुआडीह, बीएलडब्ल्यू, सुंदरपुर, लंका चौराहा, ट्रॉमा सेंटर के बगल से होते हुए सीरगोवर्धनपुर (संत रविदास मंदिर) पहुंचेंगे।
प्लेटफार्म नंबर- 1 से 14 किलोमीटर दूरी है। यहां से इंग्लिशिया लाइन, सिगरा, रथयात्रा, कमच्छा, भेलूपुर, रविन्द्रपुरी, सीर गेट, ट्रामा सेंटर के बगल से होते हुए सीरगोवर्धनपुर पहुंचेंगे।