नकली स्टाम्प टिकट का बड़ा खेल, भागलपुर में छापे, वकील-नोटरी को हाफ रेट पर दिए
प्रयागराज में नकली स्टाम्प मामले में नए खुलासे हो रहे हैं। तेलगी स्टाम्प घोटाले की तरह 3 साल से एक्टिव गैंग ने करीब 23 लाख रुपए के नकली स्टाम्प खपा दिए। ये स्टाम्प कहां छप रहे हैं? इसका जवाब तलाशते हुए प्रयागराज पुलिस बिहार के भागलपुर तक पहुंची है।
जांच में सामने आया कि प्रयागराज सिर्फ एक कड़ी है। पूरे पूर्वांचल में नकली स्टाम्प खपाए गए हैं। गिरफ्तार महिला और 2 आरोपियों ने बताया कि ओरिजनल स्टाम्प से आधी कीमत में वकील और नोटरी को वह सप्लाई करते थे। उनके दिए फर्जी स्टाम्प पर हजारों नोटरी हो चुकी हैं। इन्हें पुलिस ट्रेस कर रही है।
तेलगी स्टाम्प घोटाले के पैटर्न पर छाप रहे नकली पेपर
भारत में 1992 में 5 हजार करोड़ का सबसे बड़ा मनी मार्केट स्टाम्प घोटाला हो चुका है। जिसमें अब्दुल कलीम तेलगी ने पूरे भारत में नकली स्टाम्प खपाए थे। 4 दिन पहले प्रयागराज में भी ऐसे ही मामले तक पुलिस पहुंचने में कामयाब हुई। पुलिस ने प्रयागराज की रहने वाली सबरीन, रईसा बेगम के साथ भागलपुर के इमरोज आलम को गिरफ्तार किया है।
पुलिस को लखनऊ-जौनपुर के 2 स्टाम्प वेंडरों की तलाश है। 1 पुलिस टीम भागलपुर में डेरा डाले है, ताकि उस प्रिंटिंग अड्डे तक पहुंच सके, जहां ये स्टाम्प छापे गए।
कचहरी में वकील और नोटरियों के हाथ तक ये फर्जी स्टाम्प टिकट पहुंचते रहे। 3 साल तक कोई नहीं जान सका कि ये फर्जी हैं। 1 दिन अचानक एक वकील को शक हुआ। इत्तेफाक से कुछ दिन बाद ही पुलिस कमिश्नर के साथ उनकी एक मीटिंग हो गई। वहां उन्होंने स्टाम्प टिकट के फर्जी होने का शक जाहिर किया। कुछ स्टाम्प टेबल पर रख भी दिए।
पुलिस कमिश्नर ने SOG को जिम्मेदारी सौंप दी। 15 दिनों तक कचहरी और वहां आने वाले सप्लायर पर निगाह रखी गई। सबसे पहले रईसा ट्रेस हुई। वह हंडिया तहसील आती-जाती थी। रईसा का पीछा करके पुलिस उसके घर तक पहुंची। जब तीनों आरोपियों की मौजूदगी के इनपुट मिले, तब छापामारी की गई। इसके बाद बड़े पैमाने पर फर्जी स्टाम्प टिकट बरामद किए गए।
पुलिस ने भागलपुर के इमरोज आलम को पकड़ा। उसके पास से 10 रुपए कीमत वाले 50 बंडल स्टाम्प मिले। इसकी कुल कीमत करीब 50 हजार रुपए है। 40 बंडल स्टाम्प टिकट 5 रुपए कीमत वाले पकड़े गए।
रईसा के पास से 5 रुपए वाले 100 बंडल स्टाम्प मिले हैं। जिनकी कीमत 50,000 रुपए है। वहीं सबरीन के पास से 101 बंडल स्टाम्प टिकट मिले, जिसकी कीमत 50,500 रुपए है।
पकड़े गए लोगों से पूछताछ की गई। तब सामने आया कि जाली स्टाम्प को प्रयागराज के अलावा कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, जौनपुर, भदोही और लखनऊ में बेचा गया था। महिलाओं ने कई बार तो आधे से भी कम कीमत पर स्टाम्प बेचे हैं। यहां किसको स्टाम्प बेचे गए, कहां नोटरी हुई। किसने की? कोई जांच क्यों नहीं हुई? क्या कभी इस संबंध में कोई शिकायत हुई? ऐसे कई सवालों के जवाब पुलिस तलाश रही है।
DCP सिटी दीपक भूकर ने बताया कि गिरोह के 3 सदस्य तो मिल गए हैं लेकिन कई शहरों में इसे बेचने और खरीदने वालों की तलाश चल रही है। पुलिस का दावा है कि लखनऊ और जौनपुर के दो लोगों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।