बुलंदशहर पुलिस ने महाठग सुधीर गोयल को पत्नी और साथियों के साथ किया गिरफ्तार
बुलंदशहर जनपद पुलिस ने महाठग सुधीर गोयल को उसकी पत्नी और साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। थाना कोतवाली देहात पुलिस और थाना कोतवाली नगर पुलिस द्वारा एक सूचना के आधार पर संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए जिला पीलीभीत से गैंगस्टर में वांछित 5 ईनामी आरोपियों को 01 फॉर्च्यूनर गाड़ी, 03 लाख 74 हजार 720 रूपए नकद आदि सहित गिरफ्तार किया गया।
बरामद फॉर्च्यूनर गाड़ी सुधीर कुमार गोयल की है। पुलिस ने पांचों आरोपियों सुधीर कुमार गोयल पुत्र कृष्ण कुमार गोयल निवासी राधिका इन्कलेव थाना कोतवाली देहात जनपद बुलन्दशहर, राखी गोयल पत्नी सुधीर कुमार गोयल निवासी उपरोक्त, आलोक कुमार जग्गा पुत्र नानक चंद निवासी ग्राम वलीपुर थाना कोतवाली नगर जनपद बुलन्दशहर, जय सिंह पुत्र नाहर सिंह निवासी ग्राम खदाना थाना अहार जनपद बुलन्दशहर और जय प्रकाश पुत्र जगवीर सिंह निवासी ग्राम खालौर थाना जहांगीराबाद जनपद बुलन्दशहर को जेल भेज दिया है।
एएसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा एक सुसंगित गैंग बना रखा है। सुधीर कुमार गोयल उक्त गैंग का गैंग लीडर है जो अपने व अपने गैंग के अनुचित आर्थिक लाभ के लिए जमीन बेचने व खरीदने के नाम पर अमानत में खयानत जैसे अपराध कारित करते है। इनके खिलाफ थाना कोतवाली देहात पर गैंगस्टर पंजीकृत है। इस अभियोग में अभियुक्त सुधीर कुमार गोयल, आलोक कुमार, जय सिंह व जय प्रकाश की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा 25,000-25,000 रुपए का पुरस्कार घोषित किया गया था।
विवेचनात्मक कार्यवाही में पाया गया कि आरोपी गांव में जमीन देखते हैं और किसान से सौदा तय करके खरीद लेते हैं और उसी भूमि में प्लाटिंग काटते हैं जो भूमि अभियुक्तों द्वारा ली जाती है। उसे अभियुक्तों द्वारा रजिस्टर्ड कराया जाता है और कभी-कभी अभियुक्तगण किसान से सौदा तय करने के बाद कुछ पैसे किसान को दे देते हैं और जो व्यक्ति अभियुक्तों से प्लॉट खरीदता है उसको इस किसान से सीधे रजिस्ट्री कराते हैं।
इससे रजिस्ट्री कराया गया पैसा सीधा किसान के खाते में जाता है, लेकिन उन किसान के खाते पर सीधा अभियुक्तों का नियंत्रण होता है। आरोपी पहले से ही किसान से खाते के सभी कागजात और चेक बुक अपने पास रखते हैं। यहां तक कि चेक बुक पर किसान के हस्ताक्षर या अंगूठा ले लेते हैं। इस प्रकार से आरोपी किसान के पैसे को निकाल लेते हैं जो पैसा किसान को मिलना चाहिए वह भी नहीं मिल पाता।
आरोपियों द्वारा इसी प्रकार किसान से कृषि भूमि क्रय कर 10 से ज्यादा अवैध कॉलोनी काटी गई हैं। कोई भी कॉलोनी बीडीए और अन्य संबंधित विभाग से अनुमोदित नहीं है, लेकिन अभियुक्तगण उन कॉलोनी में ही प्लाट बेचकर व्यक्तियों को विश्वास दिलाते हैं कि अभियुक्तों द्वारा काटी गई कॉलोनी पूरी तरह से एप्रूव्ड है और सभी सुख सुविधाओं से लैस है। प्लाट खरीदने वाले को विश्वास दिलाने के लिए अभियुक्तों द्वारा बड़े-बड़े लोगों एवं अधिकारियों के साथ खिंचवाए गए फोटोग्राफ काम आते हैं।
इन्हें दिखाकर अभियुक्तगण उन व्यक्तियों को विश्वास में ले लेते हैं और इसी विश्वास में धोखाधड़ी कर प्लांट उसे व्यक्ति को बेच देते हैं। अभियुक्तों द्वारा प्लाट किसी भी व्यक्ति को बेचा जाए, लेकिन रजिस्ट्री के वक्त ज्यादातर मोबाइल नंबर अभियुक्तों के ही होते हैं। अभियुक्तों से संपत्ति खरीदने वाले व्यक्ति के साथ अभियुक्तगण दूसरी तरह से धोखाधड़ी करते हैं कि जब अभियुक्तगण संपत्ति खरीदने वाले को प्लाट/फ्लैट/मकान/संपत्ति दिखाते हैं तो मौके पर कोई और जमीन दिखाते हैं और रजिस्ट्री के वक्त किसी अन्य जमीन की रजिस्ट्री करा दी जाती है।
रजिस्ट्री कराई गई जमीन की कीमत दिखाए गए प्लाट/फ्लैट/मकान/संपत्ति से बहुत कम होती है। रजिस्ट्री करते समय व्यक्ति के पास ज्यादा समय नहीं होता है इसलिए वह अच्छी तरह से रजिस्ट्री को देख भी नहीं पता है और विश्वास में रजिस्ट्री को अपने घर ले जाकर रख लेता है। जब वह व्यक्ति प्लाट खरीदे गए प्लाट पर जाता है जो अभियुक्तों द्वारा पूर्व में दिखाया था तो उसे प्लांट पर किसी अन्य व्यक्ति का मकान बना हुआ पाता है क्योंकि उसे प्लाट को अभियुक्तगण अन्य व्यक्ति को अधिक पैसों में बेच चुके होते हैं।
इस की शिकायत वह व्यक्ति अभियुक्तों से करता है तो अभियुक्तगण उसे विश्वास दिलाते हैं कि गलती से यह काम हो गया है। उस प्लाट को वह अभियुक्तों को वापस बेच दें या उन्हें पावर ऑफ अटॉर्नी कर दें और अभियुक्तगण उस प्लाट को कब्जे में लेकर बेच अन्य व्यक्ति को बेच देते हैं और उसे व्यक्ति को टहलाते रहते हैं। अभियुक्तों द्वारा काटी गयी सभी 10 से अधिक कालोनी अवैध है जो बीडीए व अन्य संबंधित विभाग से अनुमोदित नहीं है।
उल्लेखनीय है कि अभियुक्त सुधीर कुमार गोयल द्वारा अपने सहअभियुक्तों के साथ मिलकर भोले-भाले लोगो को जमीन का लालच दिखाकर अवैध कालोनी में धोखाधड़ी कर एक ही प्लाट को कई लोगों को बेच दिया जाता था। जब लोगों द्वारा अपने साथ हुये धोखाधड़ी का पता चलने पर सुधीर कुमार गोयल से अपने रुपए वापस मांगे जाते थे तो सुधीर कुमार गोयल व उसके सहअभियुक्तों द्वारा लोगों को डराया धमकाया जाता था और दबाव बनाने के लिए फर्जी अभियोग पंजीकृत कराना भी प्रकाश में आया है।