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Chitrakoot News : करोड़ों में बना यूपी का पहला स्काई ग्लास वाक ब्रिज, शुरू होने से पहले पड़ी दरारें

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चित्रकूट. यूपी के चित्रकूट जनपद में मानिकपुर तहसील क्षेत्र के मारकुंडी जंगल में बने प्रदेश के पहले स्काई ग्लास ब्रिज में मानसून की पहली बारिश में ही कई स्थानों पर दरारे आ गई है. इन दरारों ने पुल की गुणवत्ता की पोल खोलकर रख दी. वन विभाग ने जल्द ही इस स्काई ग्लास ब्रिज को शुभारंभ करने का दावा किया था. जिस स्थान पर ब्रिज के उपकरण लगाए गए हैं, उसके चबूतरों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई है. इससे कभी भी ब्रिज गिरने की आशंका जताई जा रही है.

वन विभाग ने 3.70 करोड़ की लागत से मारकुंडी के तुलसी जल प्रपात में प्रदेश के पहले ग्लास ब्रिज का निर्माण कराया है. इसमें ब्रिज के साथ टिकट विंडो व आसपास चबूतरे व सौंदर्यीकरण के काम शामिल हैं. इसे पवनसुत कांस्ट्रेक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना रही है. लोकसभा चुनाव के पहले वन और पर्यटन विभाग ने इसके पूर्ण और मजबूत होने का दावा किया था. यह कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद यह आमजन के लिए ये पुल खोला जाएगा. लेकिन अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हुई और बारिश ने अधिकारियों व गुणवत्ता के दावे की पोल खोलकर रख दी है.

जिला पंचायत सदस्य मीरा भारती ने कहा कि उन्होंने ग्लास ब्रिज को मौके पर जाकर देखा है. अभी से कई स्थानों पर दरारें पड़ी हैं. यदि बारिश और हुई तो ग्लास ब्रिज गिर सकता है. कार्यां की उच्चस्तरीय जांच की जाए. स्थानीय लोगों ने कहा कि वह पहले से ही इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे थे. कई बार निर्माण कार्य की जांच कराने की मांग की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. बारिश ने उनके दावे को सही साबित किया है. दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

इस संबंध में रानीपुर टाइगर रिजर्व क्षेत्र के उपनिदेशक एनके सिंह ने बताया कि यह ब्रिज अभी हैंडओवर नहीं हुआ है. अभी ब्रिज में कुछ काम बाकी है. डीएम के साथ निरीक्षण के बाद निर्माण एजेंसी को कई अधूरे काम को पूरा कराने के लिए कहा गया था. सारी जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी की है. निर्माण एजेंसी ने बताया है कि बारिश के कारण प्रवेश करने वाले फुटिंग स्थल पर कुछ मिट्टी के खिसकने से दरार दिख रही है. जिसे सही कराया जाएगा. निर्माण एजेंसी के अनुसार ब्रिज निर्माण के बाद पहली बारिश है, इसमें जो भी कुछ कमी होगी उसका पता चल जाएगा. इसके बाद इसमें सुधार कर दिया जाएगा जिससे आगे कोई समस्या न हो.

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