दिल्ली में स्थित कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी का ईमेल
दिल्ली (Delhi School Bomb Threat). देश की राजधानी दिल्ली में स्थित कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी का ईमेल भेजा गया. दिल्ली अग्निशमन विभाग को आज सुबह करीब 7 बजे इस घटना की जानकारी दी गई. बाद में पुलिस ने इस ईमेल को फर्जी बताया. जांच में सामने आया कि यह ईमेल स्कूलों में पैनिक फैलाने के उद्देश्य से भेजा गया था. ब्रिटिश स्कूल, सलवान स्कूल, मॉडर्न स्कूल, कैंब्रिज स्कूल, DAV स्कूल, DPS और GD गोयनका समेत कई स्कूलों को यह धमकी मिली थी.
पिछले कुछ महीनों में दिल्ली के स्कूलों में बम की धमकी वाला ईमेल कई बार भेजा जा चुका है. इसके फर्जी होने पर भी कुछ समय के लिए स्कूलों में अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है. स्कूल प्रिंसिपल, शिक्षक, स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता से लेकर पुलिस और प्रशासन तक सकते में आ जाता है. शिक्षा निदेशालय ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं. सभी शिक्षकों, स्टूडेंट्स और अभिभावकों को इनकी जानकारी होनी चाहिए.
Kaam ki Khabar: स्कूल में बम की धमकी आने पर क्या करें?
पिछले कुछ महीनों में मौखिक, लिखित (ईमेल या पत्र) और फोन कॉल के जरिए दिल्ली के स्कूलों में बम होने की धमकी दी गई. इससे इन स्कूलों में हड़कंप मच गया. बम को लेकर दहशत फैलने और हड़कंप मचने से स्टूडेंट्स और स्टाफ के जख्मी होने का खतरा रहता है. शिक्षा निदेशालय ने अप्रैल 2024 में कुछ गाइडलाइंस जारी करने के साथ ही एक्शन प्लान बनाया था ताकि बम की धमकी मिलने पर एक सिस्टम के साथ स्कूल में काम किया जा सके.
स्कूलों में बचाव का एक्शन प्लान
स्कूलों को इस तरह की इमर्जेंसी स्थिति से बचाने के लिए पहले से तैयारी होना जरूरी है. जानिए इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने क्या दिशा-निर्देश दिए थे.
1- स्कूल के एंट्री और एग्जिट गेट्स अलग होने चाहिए.
2- कम रोशनी वाले पार्किंग लॉट, स्कूल बिल्डिंग से सटे हुए पार्किंग स्पेस और उन जगहों की पहचान हो, जिनकी निगरानी करना मुश्किल है.
3- स्कूल परिसर में बाहरी शख्स की एंट्री से बचाने के लिए वायर फेन्सिंग की जाए.
4- ऐसी गैरजरूरी चीजों को हटाया जाए, जहां बम छिपाए जा सकते हैं.
5- स्कूल में सेंट्रलाइज्ड अलार्म सिस्टम और पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया जाए.
6- सीसीटीवी से पूरे स्कूल की निगरानी की जाए.
7- स्कूल बिल्डिंग का लेआउट हमेशा तैयार रहे. इससे इमरजेंसी स्थिति में उसे पुलिस, फायर विभाग, एनडीआरएफ समेत किसी भी रेस्क्यू टीम से शेयर किया जा सके.
8- ऐसे होल्डिंग एरिया की पहचान की जाए, जहां इमरजेंसी में सभी स्टूडेंट्स को इकट्ठा किया जा सके.
9- समय-समय पर लोकल पुलिस के साथ स्कूल प्रशासन को मॉक ड्रिल करनी चाहिए.
10- बम की अफवाह फैलाने के लिए फेक कॉल करने पर कानूनी कार्रवाई और सजा के प्रावधानों के बारे में पैरेंट्स, स्टूडेंट्स और स्टाफ को बताना चाहिए.
स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने पर स्कूल स्टाफ से लेकर स्टूडेंट्स और अभिभावकों तक, हर कोई परेशान हो जाता है. जानिए स्कूल में बम की धमकी मिलने पर स्कूल की क्या भूमिका होनी चाहिए.
1- किसी भी फॉर्मेट में बम की धमकी मिलते ही स्कूल प्रशासन को पैनिक करने के बजाय तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी देनी चाहिए.
2- स्टूडेंट्स को सुरक्षित एरिया में लाने का प्लान पुलिस से सलाह करके बनाएं.
3- पूरी तरह से चेक करने के बाद ही स्टूडेंट्स को उनके अभिभावकों को सौंपा जाए.
4- जिस स्टाफ को स्कूल के लेआउट की हर जानकारी है, उसे पुलिस की मदद के लिए लगाया जाए.
5- पैरेंट्स-टीचर मीटिंग में पैरेंट्स को बताएं कि किसी भी वजह से अगर कोई भी स्टूडेंट बम की झूठी अफवाह फैलाता है तो ना सिर्फ इस पर लीगल एक्शन लिया जाएा, बल्कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट एंड रूल्स के तहत भी कार्रवाई हो सकती है. इसके बाद स्टूडेंट को स्कूल से सस्पेंड किया जा सकता है या स्कूल से निकाला तक जा सकता है.