महाकुंभ में गाड़ियों की एंट्री बंद, आने-जाने के रास्ते वन-वे किए, भगदड़ पर रील बनाने वालों पर FIR
महाकुंभ का आज 21वां दिन है। रात 8 बजे तक 1.29 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 13 जनवरी से अब तक 34.90 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं।
बसंत पंचमी स्नान को देखते हुए 2 से 4 फरवरी तक प्रयागराज शहर और मेला क्षेत्र में वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है। VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं। निगरानी के लिए हेलिकॉप्टर तैनात किया गया है।
आज से 4 फरवरी तक श्रद्धालुओं को अपने वाहन शहर के बाहर पार्किंग में खड़े करने होंगे। पार्किंग से वे शटल बस से या पैदल घाटों तक पहुंच सकेंगे। बड़े और छोटे वाहनों की पार्किंग अलग कर दी गई है।
प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर वन-वे व्यवस्था लागू कर दी गई है। एक साइड से श्रद्धालु आएंगे तो दूसरी साइड से निकासी होगी।
महाकुंभ भगदड़ पर सोशल मीडिया पर 2 वीडियो वायरल किए गए। इनमें कहा गया है कि किडनी-लीवर निकालो, लाशों को नदी में प्रवाहित करो। पुलिस ने दोनों सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ FIR दर्ज की है।
पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा- महाकुंभ हमारी आस्था का महापर्व है। जो दुर्घटना घटी है, ये बेहद दुखद है। इस पर यूपी के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और देश के सभी लोगों ने दुख प्रकट किए हैं। लेकिन अखिलेश यादव, राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेता लाशों पर सियासत करना चाहते हैं। मौतों की बुनियाद पर सत्ता की इमारत खड़ी करना चाहते हैं। ये बेहद निंदनीय है और अफसोसजनक है। मौत जहां होती है, वहां तो दर्द होना चाहिए।
ये राजनीति का रास्ता ढूंढ रहे हैं। कोई योगी तो कोई पीएम का इस्तीफा मांग रहा। जहां 10 करोड़ से ज्यादा लोग इकट्ठे हैं, वहां अगर कोई दुर्घटना हो गई, उसके लिए सब बेहद दुखी हैं। लेकिन मौत पर सियासत नहीं करनी चाहिए। गिद्धों की तरह लाशों के ऊपर राजनीति मत करो।
कुंभ मेला SSP राजेश द्विवेदी ने कहा- CAPF ने लगातार विगत सभी स्नानों में अच्छा काम किया है। न केवल उनके जवान बल्कि उनके अधिकारी भी हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर मैदान में उतरे हुए हैं। वहां एक वॉर रूम तैयार किया गया है, जहां 2750 CCTV कैमरों को क्रमिक रूप से देखने के लिए डेस्क लगाए गए हैं। सारे विभाग के लोग वहां पर मौजूद हैं, ताकि सभी के समन्वय से इसे सफल बनाया जा सके।”
महाकुंभ भगदड़ को लेकर अफवाह फैलाने के लिए फर्जी दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए गए।
इनमें कहा गया कि किडनी-लीवर निकालो, लाशों को नदी में प्रवाहित करो।
पुलिस ने इन वीडियो की जांच की, तो दोनों वीडियो फर्जी निकले। पुलिस ने दोनों वीडियो वायरल करने वाले सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।