महाकुंभ- 3 दिन मेले में पैदल ही एंट्री, संगम पहुंचने के लिए 8 से 12 किमी चलना पड़ेगा
प्रयागराज, महाकुंभ में 3 फरवरी को बसंत पंचमी का अमृत स्नान है। एक बार फिर भीड़ बढ़ने लगी है। भगदड़ के बाद प्रशासन का सबसे ज्यादा फोकस क्राउड मैनेजमेंट पर है। पूरे मेला क्षेत्र में 2 से 4 फरवरी तक वाहनों की एंट्री रोक दी गई है।
VVIP वाहनों के भी पास रद्द कर दिए गए हैं। सभी 9 रेलवे स्टेशनों पर वन-वे व्यवस्था लागू कर दी गई है। यानी एक लेन से श्रद्धालु एंट्री करेंगे, तो दूसरी लेन से निकलेंगे।
श्रद्धालुओं को अपने वाहन शहर के बाहर ही पार्किंग में खड़े करने होंगे। अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं, तो रेलवे स्टेशन पर उतरना पड़ेगा। पार्किंग और रेलवे स्टेशन से शटल बस की सुविधा है। हालांकि, बस न मिली तो पैदल ही संगम जाना और लौटना पड़ेगा। पार्किंग और स्टेशनों से संगम की दूरी 8 से 12 किमी तक है।
अगर आप भी महाकुंभ आने का प्लान बना रहे हैं, तो तमाम नई व्यवस्थाओं को जान लीजिए। जैसे- प्रयागराज शहर के अंदर ट्रैफिक व्यवस्था क्या है? अलग-अलग रूट की ट्रेन कहां पहुंच रहीं? संगम क्षेत्र पहुंचने के लिए कितना पैदल चलना होगा?
बसंत पंचमी पर स्नान कर महाकुंभ से लौटने वाले श्रद्धालुओं के लिए रेलवे 3 और स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला लिया है। आगरा, मेरठ, हरिद्वार, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू, राजस्थान जाने वाले श्रद्धालु सूबेदारगंज स्टेशन आएं।
यहां दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के बीच 3 स्पेशल ट्रेनें मिलेंगी। इन स्पेशल ट्रेनों का स्टॉपेज फतेहपुर, बिंदकी रोड, कानपुर सेंट्रल, फफूंद, इटावा, टूंडला, हाथरस, अलीगढ़, खुर्जा और दादरी स्टेशनों पर होगा।
ओला, रैपिडो बाइक सर्विस और ऑटो, ई-रिक्शा और निजी वाहन शहर में चल रहे हैं, लेकिन भीड़ की वजह से यह सुविधा कम पड़ रही है। बसें नहीं चल रही हैं।
सभी के VVIP पास कैंसिल कर दिए हैं। कोई प्रोटोकॉल 4 फरवरी तक नहीं रहेगा। सिर्फ मेले में तैनात अफसरों की गाड़ियां चलेंगी। मेले में फंसे वाहनों को बाहर निकालने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सिर्फ एंट्री पर बैन है। उन्हें निकाला जा रहा है। पहले किसी साधन से मेला क्षेत्र के बाहर आना होगा। फिर पैदल ही सामान लेकर आना होगा। पूरा मेला वन-वे है। जाना और आना पहले से आसान है।
सभी मंदिर खुले हैं। यहां पैदल ही जा सकते हैं। बसंत पंचमी पर 2 और 3 फरवरी को मेला प्रशासन नया आदेश जारी करेगा। मुख्य स्नान पर्वों पर भीड़ को देखते हुए अक्षयवट और लेटे हनुमान मंदिर पर पहले रोक लगी थी। इसलिए बसंत पंचमी पर यह रोक लग सकती है। दो से ढाई किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होगी।