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प्राथमिक शिक्षा के प्रशाखा पदाधिकारी के आदेश के बाद भी आवेदक को नही दी जा रही निजी विद्यालय की सूचना

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गिरिडीह (दीपक कुमार), झारखंड राज्य में शिक्षा का अधिकार का अधिनियम 2009 का उलंघन करने का मामला प्रकाश में आया है । स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के प्रशाखा पदाधिकारी सह जन सूचना पदाधिकारी संतोष कुमार झा के ज्ञापांक 120 दिनांक 07/08/2023 के माध्यम से झारखंड राज्य के सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को उनके जिलों में संचालित सभी प्रकार के सरकारी एवं निजी विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों से संबंधित सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश है. वहीं दूसरी और जिला शिक्षा अधीक्षक, गिरिडीह के पत्रांक – 1912 दिनांक – 21/12/2023 के द्वारा गिरिडीह जिले के सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों एवं सरकारी/निजी विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को सूचना उपलब्ध कराने के आदेश के बाद निजी विद्यालय के संचालकों की परेशानी बढ़ रही है। सूत्र बताते हैं कि निजी विद्यालय के संचालक शिक्षा का अधिकार कानून की धज्जियां उड़ाकर शिक्षकों की नियुक्ति करते हैं, और बिना बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों को अपने विद्यालय में अध्यापन का कार्य सोप देते हैं। इस संबंध में RTI कार्यकर्ता विष्णु बजरंगी से संपर्क कर और अधिक जानकारी प्राप्त किया उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा एवं प्राथमिक शिक्षा दोनो विभागो के जन सूचना पदाधिकारियों द्वारा झारखंड राज्य के सभी जिला शिक्षा अधीक्षक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारीयों को सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश है। परंतु सरकारी विद्यालय की सूचना तो मिल रही है मगर निजी विद्यालय की सूचना नहीं मिल रही है, जो खुद में भ्रष्टाचार की पुष्टि करता है। उन्होंने यह भी कहा की यदि पदाधिकारी इस कार्य में उनका सहयोग नहीं करेंगे तो वे निदेशालय एवं उच्च न्यायलय का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य होंगे।

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